सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में चुनाव करीब हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का महाराष्ट्र में दौरा बढ़ गया है। देश की आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे को किनारे रखकर गृहमंत्री महाराष्ट्र में चुनाव के मद्देनजर असंवैधानिक सरकार की रक्षा करने बार-बार आ रहे हैं। यह एक गंभीर मामला है। फडणवीस और भाजपा के अन्य नेता निष्क्रिय हैं। इसलिए शाह को प्रत्येक-वार्ड में घूमना होगा। इस तरह का जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता व सांसद संजय राऊत ने किया है।
मीडिया से बातचीत में संजय राऊत ने कहा कि मणिपुर जल रहा है और कश्मीर में आतंकी हमले जारी हैं। ऐसे में अमित शाह को कश्मीर और मणिपुर जाकर रुकना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में कई समस्याएं हैं। चीनी सेना लद्दाख और अरुणाचल में घुस आई है। उन्हें वहां जाकर निरीक्षण करना चाहिए, लेकिन ऐसा करने की बजाय वे असंवैधानिक सरकार की रक्षा के लिए महाराष्ट्र में आ रहे हैं। संजय राऊत ने कहा कि डर है कि अगर मोदी और शाह महाराष्ट्र आए तो महाराष्ट्र का उद्योग खत्म हो जाएगा या अहम जमीनें भी अडानी की झोली में चली जाएंगी। शाह के आने से पहले ही २१० एकड़ गन्ने की जमीन अडानी को देने का पैâसला हुआ। क्या वे जमीन मापने, लेन-देन देखने आते हैं? इस तरह का सवाल संजय राऊत ने पूछा।
विपक्ष पर हमला करने में मस्त हैं शाह
संजय राऊत ने कहा कि देश के गृहमंत्री को क्या काम करना चाहिए, इसे लेकर संविधान में कुछ नियम हैं। इन सबको किनारे रखते हुए गृहमंत्री चुनाव, भाजपा के अभियान, लाडले उद्योगपतियों की मदद करने और विपक्ष पर हमला करने में व्यस्त हैं। संजय राऊत ने कहा कि उन्हें सरदार पटेल का इतिहास बचाना चाहिए। इसके साथ ही यह भी सुझाव दिया कि उन्हें देखना चाहिए कि अन्य ने गृहमंत्री के रूप में वैâसे काम किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि शाह निजी बदले की राजनीति करने के लिए गृह मंत्रालय का इस्तेमाल कर रहे है।
महाराष्ट्र में ला सकते हैं देश की राजधानी
शाह के बाद मोदी भी महाराष्ट्र में आ रहे हैं, उन्हें बार-बार यहां आना पड़ता है। इसका मतलब है कि जनमत उनके खिलाफ है। उनके सामने हार स्पष्ट दिखाई दे रही है। इसलिए वे कुछ हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मोदी ने पुणे में एक ही मेट्रो का ६ बार उद्घाटन किया। शाह वॉर्ड-वॉर्ड में बैठक कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि राज्य में फडणवीस से लेकर अन्य भाजपा नेता किसी काम के नहीं रह गए हैं। उन्होंने जिन नेताओं को सत्ता में बैठाया वे असक्षम हैं। लोग उन्हें सत्ता से बेदखल करेंगे इसलिए देश के गृहमंत्री को यहां आकर बैठना पड़ रहा है। संजय राऊत ने तंज कसते हुए कहा कि वे चुनाव तक गृह मंत्रालय अथवा देश की राजधानी को महाराष्ट्र में स्थानांतरित कर सकते हैं।
…तो साहूकारों ने जड़ दिया होता तमाचा!
सरकार ने गाय को राज्य माता का दर्जा देने का पैâसला किया। इस पर संजय राऊत ने भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि सरकार बैल बुद्धि है। इस तरह के फंड का इस्तेमाल चुनाव के लिए किया जा रहा है। महाराष्ट्र की विद्वता और विचार को दिल्ली से आने वाले बैलों ने बैलबाजार में ला दिया है। भाजपा शासित राज्यों में गायें काटी जाती हैं। उन्हें इस पर बात करनी चाहिए। राजमाता का दर्जा देकर गाय की रक्षा वैâसे करेंगे? उन्हें वीर सावकर की राजमाता के बारे में कही गई बातें समझनी चाहिए। अगर सावरकर ने यह पैâसला देखा होता तो उन्होंने उनके (महायुति सरकार) गाल पर तमाचा जड़ दिया होता।