– आरएसएस ने नहीं दिया साथ, किया किनारा
– नेमप्लेट विवाद पर एनडीए के नेताओं से दिलवा रहे हैं बयान
रमेश ठाकुर / नई दिल्ली
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को हटाने के प्रयास एक बार फिर असफल हुए। इसको लेकर दिल्ली और लखनऊ के बीच दो हफ्तों तक सियासी घमासान मचा रहा। मीडिया में बदलाव की खबरें चलीं, योगी के कद को कमजोर करने के लिए हर प्रयत्न हुए। सूत्र बताते हैं कि योगी को हटाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की मुहिम को आरएसएस द्वारा विफल किया गया। संघ ने अब दोनों से पूरी तरह किनारा कर लिया है। लखनऊ में दो दिनी बैठक आयोजित हो रही है, जिसमें संघ के पांच टॉप लीडर और उत्तर प्रदेश के इतने ही नेता शामिल होंगे। बैठक में योगी और उनके विरुद्ध मुहिम चलाने वाले उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी भी रहेंगे।
बता दें कि ‘योगी हटाओ मुहिम’ के विफल होने से मोदी-शाह की चौतरफा किरकिरी हुई है। इस बार दोनों ने केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी के जरिए दांव खेला था, जिसे योगी की मजबूत टीम ने धराशायी कर दिया, क्योंकि इससे पूर्व भी वह ऐसा कर चुके हैं। तस्वीर अब साफ हो गई, उत्तर प्रदेश में योगी बने रहेंगे। लेकिन कांवड यात्रा को लेकर नेमप्लेट विवाद पर मोदी-शाह की जोड़ी ने एनडीए के घटकदलों से योगी फैसले पर उंगली उठवाई है। चिराग पासवान, जयंत चौधरी, नीतीश कुमार जैसे नेताओं ने योगी के फैसले पर सवाल उठाया है।