भारतीयों ने २०२३-२४ में एक लाख करोड़ रुपए का कर्ज लेने के लिए अपने गहने गिरवी रखे जो २०१८-१९ के मुकाबले लगभग पांच गुना अधिक है
सामना संवाददाता / मुंबई
लोगों के सोने के गहने, महिलाओं के मंगलसूत्र को हड़पने और इसे धार्मिक अल्पसंख्यकों को देने का काम कांग्रेस करती है, ऐसा झूठ बोलने वाले देश के पीएम नरेंद्र मोदी की पोल खुलती नजर आ रही है। आरबीआई की तरफ से मिली एक जानकारी में स्पष्ट हो रहा है कि लोगों पर सोने के गहने और जेवरात, यहां तक कि मंगलसूत्र गिरवी रखने की नौबत मोदी सरकार में आई है। मोदी के कार्यकाल में ही भारतीय परिवारों को सबसे ज्यादा अपना सोना गिरवी रखना पड़ा है। स्पष्ट रूप से कहें तो यह मोदी ही हैं, जिन्होंने वास्तव में महिलाओं के मंगलसूत्र और परिवारों का सोना छीना है।
कांग्रेस ने मोदी के बयानों की निंदा की थी। कांग्रेस ने कहा था कि मोदी की बातें पूरी तरह से घृणित, खतरनाक और नैतिक रूप से लापरवाह भरी हैं। मोदी का यह दावा न केवल घृणित है, बल्कि एक ‘सुनहरी विडंबना’ भी है।
भाजपा के राज में सोने के ऋण में कई गुना वृद्धि
भारत में ‘परिवार का सोना गिरवी रखना’ एक कहावत है। मोदी सरकार में भारतीय परिवार बहुत तेजी से यही कर रहे हैं। पिछले ५ वर्षों के मुकाबले में वर्ष २०२४ में लगभग पांच गुना अधिक सोना लोगों ने गिरवी रखा है। इस पर अंकुश के लिए आरबीआई को हस्तक्षेप करना पड़ा और बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों को चेतावनी जारी करनी पड़ी है। कुल व्यक्तिगत ऋणों में सोने के ऋणों की हिस्सेदारी मार्च २०१९ में १ प्रतिशत से लगभग ढाई गुना बढ़कर मार्च २०२१ में कोविड-१९ के दौरान लगभग २.५ प्रतिशत और फरवरी २०२४ में २ प्रतिशत हो गई। मोदी के कार्यकाल में सोने के आयात में भी गिरावट आई है और मूल्य के हिसाब से केवल ३८ प्रतिशत की वृद्धि हुई है।