सामना संवाददाता / मुंबई
बहुप्रतीक्षित मेट्रो ३ कॉरिडोर के उद्घाटन की तारीख नजदीक आ रही है, लेकिन कई महत्वपूर्ण कार्य अब भी अधूरे हैं, जिससे परियोजना की तैयारी पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अधूरी परियोजना का उद्घाटन करेंगे। बताया जाता है कि मेट्रो-३ की अधूरी परियोजना का उद्घाटन कराने के लिए अधिकारियों पर सरकार की ओर से दबाव डाला जा रहा है।
मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अक्टूबर की शुरुआत में बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) से आरे तक आंशिक व्यावसायिक संचालन की योजना है। हालांकि, महत्वपूर्ण स्वीकृतियों में विलंब समय-सीमा पर संदेह पैदा करता है।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जो अन्य अधूरी परियोजनाओं के उद्घाटन के साथ होगा। इसके बावजूद, मेट्रो ३ के कई प्रमुख कार्य जैसे स्वचालन और सिस्टम एकीकरण कार्य अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। अधिकारियों का दावा है कि ये कार्य चार से पांच दिनों में पूरे हो जाएंगे, लेकिन परियोजना में लगातार विलंब से जनता की उम्मीदों पर पानी फिरता हुआ दिखाई दे रहा है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि एमएमआरसीएल ने अब तक केवल रोलिंग स्टॉक के लिए मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) को आवेदन किया है, जो रेलवे बोर्ड के पास लंबित है। मुख्य लाइन के लिए आवश्यक सीएमआरएस अनुमोदन की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई है, जबकि इसके बिना मेट्रो का व्यावसायिक संचालन असंभव है। यह स्पष्ट नहीं है कि जब तक ये मंजूरियां मिलेंगी, तब तक उद्घाटन की तारीख टल जाएगी या नहीं। मेट्रो ३, जो मुंबई की पहली भूमिगत मेट्रो कॉरिडोर है, ३३.५ किलोमीटर लंबी है और इसमें दोहरी सुरंगें शामिल हैं। हालांकि, इसमें से केवल १२.५ किलोमीटर के हिस्से में १० स्टेशन शुरू करने की योजना है।