मुख्यपृष्ठनए समाचारमोदी की तानाशाही भाजपा को ले डूबी!

मोदी की तानाशाही भाजपा को ले डूबी!

सामना संवाददाता / नई दिल्ली

सुब्रह्मण्यम स्वामी ने साधा निशाना
गल्ली से दिल्ली तक सामान्य कार्यकर्ताओं ने भी कोसा
संघ ने भी जताई दबी जुबान में नाराजगी

लोकसभा चुनाव के नतीजे भले ही बीजेपी के पक्ष में आए हों, लेकिन जितनी बड़ी जीत का दावा मोदी सरकार कर रही थी वह सब खोखली साबित हुई। इसी के साथ ही एग्जिट पोल की भी पोल खुल गई है। ४०० पार बनाने का सपना देखने वाली भाजपा सरकार ३०० के भीतर ही सिमटकर रह गई। भाजपा नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इन नतीजों को लेकर भाजपा सरकार और देश के पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला करते हुए कहा कि मोदी की तानाशाही मानसिकता के कारण भाजपा गर्त में चली गई है, जिससे पार्टी को बाहर आना होगा। स्वामी ने सोशल मीडिया `एक्स’ पर मोदी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। लोकसभा चुनाव में इस अधूरी जीत को लेकर केवल सुब्रह्मण्यम स्वामी ही नहीं बल्कि गल्ली से लेकर दिल्ली तक भाजपा के सामान्य कार्यकर्ता भी कोस रहे हैं। यही नहीं, भाजपा के कमजोर प्रदर्शन को देखकर संघ भी अब दबी जुबान में अपनी नाराजगी जता रहा है। यही वजह है कि पार्टी में सुगबुगाहट शुरू हो गई है।

बीजेपी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा है कि भाजपा को मिलने वाली सीटों को लेकर उनकी तरफ से जो भविष्यवाणी की गई थी, वो बिल्कुल सही निकली है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी तानाशाही मानसिकता की वजह से भाजपा गर्त में चली गई है, जहां से उसे अब ऊपर की ओर चढ़ना होगा।

योगी के मंत्री ने साथी दलों को कोसा

लोकसभा चुनाव में आए नतीजों के बाद एनडीए को मिली अधूरी जीत से एनडीए के भीतर ही भितरघात शुरू हो गई। यही वजह है कि नतीजे आने के २४ घंटे के भीतर ही एनडीए गठबंधन में एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ा जा रहा है और लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बुरे प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने ही साथी दलों को कोसना शुरू कर दिया है। योगी सरकार के मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा है कि हमको बड़बोलेपन का नुकसान हुआ है। धर्मवीर प्रजापति ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और योगी सरकार में वैâबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के नेता और मंत्री संजय निषाद से जुड़े सवाल पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बड़बोलेपन की वजह से नुकसान हुआ है। प्रजापति ने कहा कि पश्चिम से पूर्वांचल तक की बैठकों में मैंने जो महसूस किया कि विपक्ष के संविधान और आरक्षण के मुद्दे ने पिछड़े और अनुसूचित वर्ग को हमसे दूर किया।

अन्य समाचार