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मोदी की चुनाव नीति महाराष्ट्र के लिए है विरोधाभास! … शरद पवार का आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई
बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन हो गया है। उससे पहले बड़ा विद्रोह हुआ था, लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि इसका परिणाम महाराष्ट्र में होगा। मैं इसकी गहराई में नहीं जाना चाहता। लेकिन आज समाज के सभी घटकों के बीच एकता और सद््भाव की जरूरत है। महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ वह राज्य के हित में नहीं है। यह बात राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद पवार) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरदपवार ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
पवार ने कहा कि अगर राज्य में शांति स्थापित करनी है तो सामाजिक सरोकारों और राजनीति से जुड़े लोगों को शांति और संयम की बात करनी चाहिए तथ्रर शांति वैâसे बनाए रखनी है, इस पर सावधानी बरतनी चाहिए।
पवार ने कहा कि कोई भी सरकार की नीति, सरकार की कार्रवाई, गृह विभाग की जिम्मेदारी पर टिप्पणी कर सकता है, लेकिन आज मुझे शांति और सद््भाव का अधिक महत्व महसूस हो रहा है। इसलिए मैं अन्य मामलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। शांति वैâसे स्थापित होगी, इस पर मेरा अधिक आग्रह है। मेरी अपील है कि ऐसा कुछ भी न करें, जिससे किसी दूसरे देश में जो हो रहा है उसकी वजह से हमारे राज्य के लोगों की जान खतरे में पड़ जाए। शरद पवार ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश के चुनाव एक साथ कराने की बात करते हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और झारखंड के चुनावों की घोषणा हो चुकी है, लेकिन महाराष्ट्र के चुनावों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। महाराष्ट्र पर प्रधानमंत्री का निर्णय विरोधाभास है, इस पर स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा है।
इस पर विस्तार से बात करते हुए पवार ने कहा कि पहले महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव एक साथ होते थे, लेकिन तब जम्मू-कश्मीर विधानसभा नहीं थी। इस बार हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का पैâसला किया गया है। जम्मू-कश्मीर के लिए बड़ी सुरक्षा व्यवस्था तैनात करनी होगी। अभी महाराष्ट्र में बारिश चल रही है। गणेशोत्सव, पितृपक्ष, नवरात्रि और दिवाली के कारण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया गया है, लेकिन महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से पहले चुनाव होंगे, ऐसी उम्मीद शरद पवार ने व्यक्त की।
पवार ने कहा कि चुनाव आयोग ने दो राज्यों जम्मू-कश्मीर और झारखंड के विधानसभा चुनाव की घोषणा कर दी है। इससे देश में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, लेकिन अभी तक इनकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

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