सामना संवाददाता / मुंबई
मंकी पॉक्स के बढ़ते मामलों ने दुनिया को चिंतित कर दिया है। इस महामारी ने हिंदुस्थान को भी सकते में डाल दिया है, क्योंकि हाल ही में एक मरीज में इसकी पुष्टि हुई है। फिलहाल, मरीज को आइसोलेशन में रखा गया है। महिला रोग विशेषज्ञों का कहना है कि इस महामारी का सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती माताओं को है। इसलिए उन्हें खास तौर पर खुद को सुरक्षित रखना होगा।
उल्लेखनीय है कि अफ्रीकी देशों में एम-पॉक्स यानी मंकी पॉक्स की बढ़ती महामारी के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस महामारी को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। पिछले तीन साल में यह महामारी दूसरी बार आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अफ्रीका के बारह से अधिक देशों में पैâल रही इस महामारी के खिलाफ तत्काल कदम उठाने की जरूरत जताई है। इसे लेकर महिला रोग विशेषज्ञों ने कहा है कि गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान पॉक्स वायरस भ्रूण में फैल सकता है। मां के वायरस से संक्रमित होने पर यह फैल सकता है।
इसके हैं कई खतरे
कामा अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. तुषार पालवे ने कहा कि गर्भवती महिलाओं की प्रतिरक्षा प्रणाली में बदलाव के कारण संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसमें वायरल संक्रमण के कारण बुखार और दाने निकलते हैं। हालांकि, एम-पॉक्स दुर्लभ है और आसानी से नहीं फैलता है। लेकिन अगर यह गर्भवती महिला को संक्रमित करता है, तो यह वायरस गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है। इन लक्षणों में बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते और सूजन शामिल हो सकते हैं। गंभीर मामलों में वायरस अंधेपन का कारण बन सकता है। हालांकि, मृत्यु दुर्लभ है, लेकिन एम-पॉक्स फैलते समय सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एम-पॉक्स संक्रमण से गर्भपात, मृत बच्चे का जन्म या समय से पहले प्रसव हो सकता है।
बच्चों को हो सकता है संक्रमण
महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. शोभना चव्हाण ने कहा कि यह वायरस गर्भावस्था या प्रसव के दौरान मां से बच्चों को हो सकता है। इसलिए इसके होने के खतरे को कम करने के लिए गर्भवती महिलाओं को अपना ख्याल रखना चाहिए। हाथ बार-बार धोएं और बिना हाथ धोए अपने चेहरे को छूने से बचें। लोगों के संपर्क में आने से बचें। यदि आप एम पॉक्स से पीड़ित किसी व्यक्ति के आसपास हैं, तो मास्क और दस्ताने पहनें।