मुख्यपृष्ठटॉप समाचार२०० इमारतों पर मानसून का खतरा! मनपा के सर्वे में २०० से...

२०० इमारतों पर मानसून का खतरा! मनपा के सर्वे में २०० से अधिक जर्जर निर्माणों की पहचान, गत वर्ष कुर्ला में गिरी थी इमारत

सामना संवाददाता / मुंबई
मानसून के दौरान मुंबई में पुरानी, जर्जर इमारतों में हादसों का होना आम हो चुका है इसलिए जैसे-जैसे मानसून करीब आ रहा है, मुंबई व आसपास के क्षेत्र की जर्जर पुरानी इमारतों का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। वर्तमान में मुंबई की २०० इमारतों पर खतरा मंडरा रहा है, ऐसा खुलासा मुंबई मनपा द्वारा हाल ही में किए गए सर्वे में हुआ है।
बता दें कि मुंबई मनपा द्वारा हाल ही में किए गए प्री-मानसून सर्वे के अनुसार, पूरी मुंबई में २१६ जर्जर इमारतों की पहचान की गई है, जो मानसून के दौरान संवेदनशील मानी जा रही हैं। गौरतलब हो कि पिछले साल यह संख्या ४८९ थी। जिनमें से ११० इमारतों के निवासियों ने बेदखली के आदेश को चुनौती देते हुए अदालत का रुख किया है और नौ मामले तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के पास लंबित हैं, जबकि बीएमसी ने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए ९७ इमारतों को खाली करने का नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है।
कुर्ला में हुआ था हादसा
आंकड़ों के अनुसार, सबसे जीर्ण-शीर्ण इमारतें (११४) पश्चिमी क्षेत्र में हैं, उसके बाद (६६) पूर्वी उपनगरों में और (३६) द्वीप शहर में हैं। पिछले साल जून महीने में कुर्ला के पास घर गिरने से १९ लोगों की मौत हुई थी।
क्या होती है प्रक्रिया?
मनपा की नीतियों के अनुसार, ३० वर्षों से अधिक पुरानी इमारतों के ऑडिट की जरूरत होती है। एक सर्वे के अनुसार मनपा हर साल अलग-अलग श्रेणियों में इमारतों को वर्गीकृत करती है और तय करती है कि उन्हें पूरी तरह से ध्वस्त किया जाना चाहिए या मरम्मत की अनुमति दी जानी चाहिए? जिन इमारतों को तुरंत गिराए जाने की जरूरत होती है, उन्हें सी-१ के रूप में चिह्नित किया जाता है। निवासी खाली नहीं करते हैं तो बिजली और पानी की आपूर्ति बंद करने के कड़े कदम उठाए जाते हैं।
नई मुंबई में ४७५ इमारतें जर्जर
पिछले वर्ष के अकड़ों के अनुसार नई मुंबई में ४७५ इमारतें जर्जर स्थिति में चिह्नित की गई थी।

जर्जर इमारतों को गिराने का काम शुरू
सूत्रों के मुताबिक, मनपा अपनी ओर से ध्वस्त की जा रही ९७ खतरनाक इमारतों के निवासियों को स्वेच्छा से मकान खाली करने के लिए राजी करने की पूरी कोशिश करेगी, लेकिन यदि उनके प्रयास विफल होते हैं, तो मनपा इमारतों को गिराने पर विचार करेगी, बशर्ते उस समय इस तरह के कदम के खिलाफ कोई अदालती आदेश न हो।

अन्य समाचार