मुख्यपृष्ठनए समाचारजापानी केमिकल से मरेंगे मच्छर ... मनपा ने आयात किए ४,५०० लीटर

जापानी केमिकल से मरेंगे मच्छर … मनपा ने आयात किए ४,५०० लीटर

 -ट्रायल टेस्ट में हुआ पास
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में मानसूनी बीमारी खासकर डेंगू और मलेरिया का भी प्रकोप शुरू हो गया है। ऐसे में इस बार मुंबई मनपा ने इन बीमारियों को फैलानेवाले मच्छरों को मारने के लिए जापान से ५,४०० लीटर केमिकल आयात किया है। इस केमिकल ट्रायल टेस्ट में पाया गया कि पांच ही मिनट में मच्छर मर गया।
उल्लेखनीय है कि बीते वर्ष मुंबई में मलेरिया के ७ हजार और डेंगू के ५,५०० से अधिक मरीज मिले थे। इस वर्ष जून में मलेरिया के ४२३ और डेंगू के ९३ मरीज मिल चुके हैं। इसके साथ ही कल हुई बैठक में मलेरिया और डेंगू बीमारी की रोकथाम के लिए विभिन्न उपाय योजना शुरू कर दिए गए हैं। इसी कड़ी में इन मच्छरों की रोकथाम के लिए मनपा कीटनाशक विभाग ने साइफेनोथ्रिन नामक केमिकल को जापान सुमिटोमो केमिकल कंपनी से आयात किया है।
मुंबई में रोजाना होता है
१,८०० लीटर का इस्तेमाल
मनपा कीटनाशक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करीब ४,५०० लीटर केमिकल आयात किया गया है, जो करीब तीन से चार महीने तक चलेगा। मुंबई में रोजाना १,८०० लीटर का इस्तेमाल किया जाता है। फिलहाल, बारिश की वजह से फॉगिंग का काम कम किया जाता है। इस केमिकल का ट्रायल बीते सप्ताह किया गया था, जो मच्छरों को मारने के लिए काफी कारगर साबित रहा।
मलेरिया-डेंगू का थमेगा प्रसार
मनपा कीटनाशक विभाग के प्रमुख चेतन चौबल ने जापान से केमिकल लाए जाने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि इस केमिकल के जरिए मलेरिया-डेंगू बीमारी का प्रसार रोका जा सकेगा। उन्होंने बताया कि मच्छर व्यक्ति का खून चूसने के बाद उसी कमरे में एक जगह पर रुक जाता है, क्योंकि खून चूसने की वजह से मच्छरों का शरीर भारी हो जाता है। ऐसे में बंद कमरे में फॉगिंग से यह मच्छर मर जाते हैं, जिससे न ही यह दूसरे व्यक्ति को डंक मार सकेंगे और न ही प्रजनन कर सकेंगे।

अन्य समाचार