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एमपी सरकार का खुला ऑर्डर शुल्क के फेर में फंसा बॉर्डर! शिवराज सरकार में हर चेकपोस्ट पर लूट की बनी है खिड़की

सामना संवाददाता / शिवपुरी
भाजपा सरकार में मध्य प्रदेश में सीमाओं पर वाहनों के कागजातों की जांच करने के लिए बनाए गए बैरियरों पर भ्रष्टाचार रोकना परिवहन विभाग के लिए मुश्किल साबित हो रहा है। या यूं कहें कि शिवराज सरकार नहीं चाहती कि चेकपोस्टों पर चल रहे सिस्टम में कोई बदलाव हो। यही कारण है कि महीनों तक परिवहन अधिकारी वहां जांच या निरीक्षण के लिए पहुंचते नहीं हैं। एमपी सरकार का खुला ऑर्डर मिलने के चलते प्राइवेट लोग आराम से बिना किसी डर से इसे संचालित करते हैं। जब केंद्र मंत्रालय से इन्हें बंद करने के लिए पत्र लिखा गया तो ट्रक संचालकों को थोड़ी राहत मिली। उन्होंने कहा कि यदि बैरियर बंद हो गए तो हर चक्कर पर रुपए नहीं देने होंगे। जब भी बॉर्डर पार करना होता है तो यहां पर कम से कम एक हजार रुपए देने ही पड़ते हैं। ट्रक चालकों ने कहा कि हमें यहां आए दिन निकलना पड़ता है। यहां पर आरटीआई कई बदलते रहते हैं, लेकिन वसूली वही रहती है। यही कारण है कि विरोध को दबा दिया जाता है।
रसूखदारों की चलती है लिस्ट
बैरियर पर टारगेट दूसरे राज्यों और जिलों से आने वाले वाहनों को किया जाता है। जब शिवपुरी की पासिंग गाड़ी होती है तो उसे काफी कम रुपए देने पड़ते हैं। शिवपुरी से उत्तर प्रदेश की ओर जा रहे ट्रक चालक ने बताया कि उससे ३०० रुपए एंट्री ली जाती है। उसने कहा कि हमारी लोकल गाड़ी है और इसके ३०० रुपए ही लगते हैं। ट्रांसपोर्ट की कुछ गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन दूसरे शहर का है, जब वे लेकर आते हैं तो एक हजार रुपए तो देने ही पड़ते हैं।
गैंग का पूरा मैनेजमेंट
परिवहन विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो बैरियर पर आरटीआई सिर्फ नाम का होता है। यहां का पूरा काम उत्तर प्रदेश का गैंग चलाता है, जो पूरे बैरियर का संचालन करता है। जनप्रतिनिधियों से लेकर विभिन्न विभागों तक को मैनेज करने का काम यह गैंग करता है। स्थानीय लोगों के अनुसार, कोई भी परिवहन विभाग में किसी भी पद पर नहीं है, लेकिन परोक्ष रूप से पूरा संचालन करता है। एक किमी के दायरे में इनके लोग फैले रहते हैं।
हर फाइल पर सुविधा शुल्क
कहने को बैरियर इलेक्ट्रिक कांटे वाला है फिर भी यहां ट्रक चालक अवैध वसूली का शुल्क दिए बिना नहीं निकल पाते हैं। यहां पर पहुंचने पर पहले ट्रक को वजन कराना होता है। वजन के हिसाब से नियमानुसार उसकी रसीद कट जाती है, जिसकी राशि शासन के खाते में ही जाती है। इसके बाद भी ट्रक को निकलने नहीं दिया जाता है, बल्कि चालक को फाइल लेकर ऑफिस की खिड़की पर भेज दिया जाता है। यहां पर उससे ट्रक के चक्के के हिसाब से अतिरिक्त रुपए लेकर एक गेटपास दिया जाता है।
वसूली की शिकायत पर मौन हैं परिवहन मंत्री
बता दें कि दो दिन पूर्व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत शिवपुरी आए तो उनसे बैरियरों पर हो रही वसूली के बारे में शिकायत की गई तो इस पर उन्होंने मौन साध लिया। उन्होंने कहा कि किसी चेकपोस्ट पर अवैध वसूली की शिकायत मुझ तक नहीं पहुंची है।

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