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गैंगस्टर मामले में मुख्तार और अफजाल दोषी करार! …मुख्तार को दस साल की सजा 5 लाख जुर्माना व अफजाल को 4 वर्ष की सजा एक लाख जुर्माना लगा

जायेगी अफजाल की सांसदी!
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। प्रयागराज के अहमद बंधुओं (अतीक अहमद और अशरफ) के सफाये के बाद गाजीपुर के माफिया मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर आफत पड़ गया। गाजीपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा के साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। मुख्तार अंसारी के भाई व बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी मानते हुए एमपी-एमएलए कोर्ट ने चार साल की सजा व एक लाख जुर्माना लगाया गया है। न्यायालय में फैसला आने को लेकर गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी सुबह 10.45 बजे कोर्ट में पहुंच गए थे। मुख्तार अंसारी बांदा जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जोड़ा गया। एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे इस मामले में बीते 15 अप्रैल को फैसला आना था। न्यायाधीश के अवकाश में होने के चलते फैसला नहीं आ पाया था। ऐसे फैसले के लिए 29 अप्रैल को तारीख नियत की गई थी। कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई है तथा अफजाल अंसारी को गाजीपुर जेल ले जाया गया है।

वर्ष 2007 के इस मामले में बीते एक अप्रैल को बहस और सुनवाई पूरी कर ली गई थी और 15 अप्रैल को फैसला होना था। अफजाल अंसारी, मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे इस केस में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड केस गैंग चार्ट में शामिल है। जबकि नन्दकिशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या का केस भी गैंग चार्ट में शामिल है।

29 नवंबर 2005 को गाजीपुर के भांवरकोल थाना अंतर्गत सियाड़ी गांव में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय सहित सात लोगों पर एके-47 जैसे अत्याधुनिक असलहों से लगभग 400 राउंड से ज्यादा फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी गई थी। सातों लोगों का शव पोस्टमार्टम के लिए बीएचयू लाया जाने लगा तो भाजपा विधायक के समर्थक उग्र हो गए थे और जगह-जगह तोड़फोड़ व हिंसा की गई थी। मुख्तार अंसारी पर दिल्ली से लेकर गाजीपुर और वाराणसी तक संगीन धाराओं में 60 मुकदमे दर्ज हैं। पूर्वांचल में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके गिरोह की दहशत तीन दशक तक व्यापारियों और उद्यमियों में भी खूब थी। भेलूपुर के कोयला व्यवसायी नंद किशोर रूंगटा को अगवा कर हत्या की वारदात ने तो कारोबारियों में खौफ पैदा कर दी थी। यह खौफ तीन दशकों तक बना रहा। सरकारी ठेकों पर आधिपत्य बना रहा। वर्ष 1997 में भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर कालोनी निवासी कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा को अगवा कर लिया गया था। फोन कर परिजनों से तीन करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। उस समय मुख्तार का सबसे भरोसेमंद शूटर अताउर रहमान ने नंद किशोर को कोयला व्यवसायी विजय बनकर डील के बहाने उठाया था। नंद किशोर की हत्या कर शव को प्रयागराज में ठिकाने लगाया था।मुख्तार और गाजीपुर के मुहम्मदाबाद के महरूपुर निवासी अताउर रहमान उर्फ बाबू के खिलाफ महावीर प्रसाद रूंगटा ने एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अगवा किए गए नंद किशोर के भाई महावीर का आरोप था कि पांच नवंबर 1997 को शाम पांच बजे टेलीफोन पर उन्हें मुख्तार ने धमकी दी थी। पुलिस ने मामले की छानबीन भी की, लेकिन मामले में नामजद पांच लाख रुपये के इनामी अताउर रहमान उर्फ बाबू को पुलिस आज तक नहीं पकड़ सकी। इस मामले की जांच सीबीआई ने भी की थी। जानकारों के अनुसार, अपहरण की घटना को अंजाम देने के बाद उसने नेपाल में शरण ले ली।आरोप यह भी था कि माफिया मुख्तार अंसारी ने उसे दोबारा बुलवाया और 29 नवंबर 2005 को भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या कराई थी। इसके बाद तो उसकी दहशत पूर्वी यूपी में बढ़ती चली गई। मुख्तार के नाम से कई कारोबारी खौफ खाते थे। वाराणसी के कई कारोबारियों से वह रंगदारी वसूलता था।

मुख्तार अंसारी के खिलाफ दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, मऊ, चंदौली, लखनऊ और गाजीपुर के विभिन्न थानों में संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार पर गाजीपुर के विभिन्न थानों में केस दर्ज है। गाजीपुर जिला प्रशासन माफिया मुख्तार अंसारी, बड़े भाई गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी, परिजनों और संबंधियों की करोड़ों की अचल संपत्ति कुर्क कर चुकी है।मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज पांच मुकदमाें में वह चार में दोष मुक्त हो चुका था। गैंगस्टर एक्ट से संबंधित सिर्फ अवधेश राय हत्याकांड से जुड़े मुकदमे में मजबूत पैरवी और लगातार गवाही से मुख्तार की मुश्किलें बढ़ती गईं। नतीजा यह रहा कि मुख्तार के बचाव पक्ष की दलीलें काम नहीं आई और गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुना दी।सांसद अफजाल अंसारी को सजा होने के बाद अब उनकी लोकसभा सदस्‍यता समाप्‍त हो जायेगी। जिससे जनपद की सियासत गरमा गयी है कि क्‍या अब उपचुनाव होगा?

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