एजेंसी / वॉशिंगटन
अमेरिका की कोर्ट ने २००८ के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की एक याचिका को खारिज करते हुए कहा है कि अगले ३० दिन में उसे भारत को प्रत्यर्पित किए जाने पर पैâसला आ सकता है। तहव्वुर पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यापारी है, उसे भारत प्रत्यर्पित किए जाने के अमेरिकी सरकार की प्रार्थना पर कोर्ट फैसला सुना सकता है। इस मामले में पिछली सुनवाई जून २०२१ में हुई थी। तहव्वुर राणा मुंबई आतंकवादी हमले में कथित भूमिका के चलते वांछित है और भारत ने उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया है।
हेडली काट रहा है सजा
रिपोर्ट के अनुसार, तहव्वुर राणा के बारे में आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने सरकारी गवाह बनने के बाद गवाही दी थी। हेडल इस हमले में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में ३५ साल जेल की सजा काट रहा है। उसका संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था और वह तहव्वुर राणा को लंबे समय से जानता था।
३ साल पहले हुआ था गिरफ्तार
भारत के अनुरोध पर अमेरिका ने मुंबई आतंकी हमले मामले में तहव्वुर राणा को लॉस एंजिलिस में १० जून, २०२० को फिर से गिरफ्तार किया था। भारत द्वारा प्रस्तुत सबूतों के आधार पर राणा को नकली दस्तावेज बनाने और जमा करते हुए भारत सरकार से धोखाधड़ी करने का आरोपी माना गया था।
३० दिन में आ सकता है फैसला
उसके वकील ने सुझाव दिया कि स्टेटस कॉन्फ्रेंस २५ अप्रैल को हो लेकिन अदालत ने १७ अप्रैल को अपने एक आदेश में इस आवेदन को खारिज कर दिया। अदालत के आदेश में कहा गया है, ‘याचिका में जो यह अनुरोध किया गया है कि अदालत संबंधित पक्षों को इस मामले की नवीनतम स्थिति से अवगत कराता रहे, वह मंजूर किया जाता है। संबंधित पक्षों को सलाह दी जाती है कि अदालत को ३० दिनों में इस मामले पर फैसला जारी हो जाने का अनुमान है।’ इसी आदेश में कहा गया है, ‘अदालत स्टेटस कॉन्फ्रेंस के अनुरोध को खारिज करती है क्योंकि अदालत की राय है कि यह कार्यवाही अनावश्यक है और इससे इस मामले के निस्तारण में अदालत को कोई मदद नहीं मिलेगी।’