मुख्यपृष्ठनए समाचारजीवा हत्याकांड का मुंबई कनेक्शन! ...मुंबई में भी जांच करेगी लखनऊ पुलिस

जीवा हत्याकांड का मुंबई कनेक्शन! …मुंबई में भी जांच करेगी लखनऊ पुलिस

• मुन्ना बागपत जेल में और जीवा लखनऊ कोर्ट में मारा गया
• कई सालों तक मुंबई में रहे थे मुख्तार अंसारी के दोनों शूटर

जय सिंह / मुंबई
लखनऊ की कोर्ट में दिनदहाड़े कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा पर ६ गोलियां दाग कर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड का कनेक्शन लखनऊ पुलिस और जांच कर रही टीम मुंबई के अंडरवर्ल्ड से जोड़ कर देख रही है। बता दें कि वकील के वेष में शूटर विजय यादव ने ६ गोलियां मारी। उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा ६६ माफियाओं की बनाई गई लिस्ट में संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा १५वें नंबर पर था। माफिया की ये सूची हाल में शासन ने जारी की थी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उसका खौफ पश्चिम यूपी से लेकर उत्तराखंड तक था।
१० फरवरी १९९७ को हुई भाजपा के कद्दावर नेता ब्रह्मदत्त दिवेदी की हत्या में जीवा का नाम सामने आया। जिसमें बाद में जीवा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। जीवा उसके बाद मुन्ना बजरंगी गैंग में शामिल हो गया, फिर उसका संपर्क मुख्तार अंसारी से हुआ। कहते हैं कि मुख्तार को अत्याधुनिक हथियारों का शौक था तो जीवा के पास हथियारों को जुटाने का तिकड़मी नेटवर्क था। बताया जा रहा है कि मुन्ना बजरंगी के साथ कई साल तक वह मुंबई में रहा है। बता दें कि यूपी पुलिस ने मुन्ना बजरंगी को मुंबई के मालाड इलाके से ९ साल बाद गिरफ्तार किया था। उस फरारी के दौरान जीवा भी तकरीबन ३ साल तक मुंबई में रहा है।

कुल २५ मामले दर्ज
पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि संजीव के खिलाफ मुजफ्फरनगर में १७, उत्तराखंड में ५, गाजीपुर जनपद में एक, फर्रुखाबाद जनपद में एक और लखनऊ में एक कुल २५ मामले दर्ज हैं। पश्चिमी यूपी में तैनात रहे एक अधिकारी के मुताबिक, जीवा सबसे पहले उत्तराखंड के नाजिम गैंग के लिए काम करता था। कुछ दिन उसने सतेंद्र बरनाला गैंग के लिए काम किया, फिर मुन्ना बजरंगी का हाथ थाम लिया और मुख्तार अंसारी का करीबी हो गया। संजीव उर्फ जीवा हथियारों की डीलिंग का काम मुख्तार के लिए करता था। बताया जाता है कि कृष्णानंद राय हत्याकांड में इस्तेमाल की गई एके-४७ जीवा ने ही जुटाई थी।

मुन्ना बजरंगी का था करीबी
मुख्तार अंसारी का सबसे करीबी माना जाने वाला जीवा बागपत की जेल में मारा गया मुन्ना बजरंगी का करीबी माना जाता था। भाटी गैंग, बदन सिंह बद्दो, मुकीम काला गैंग और न जाने कितने अपराधियों के बीच संजीव माहेश्वरी का भी नाम जुर्म की दुनिया में पनपा। पश्चिमी यूपी के कुख्यात अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को सिरदर्द मानते थे। दरअसल, बीते दिनों शामली पुलिस ने उसी के गैंग के एक शख्स को एके-४७, करीब १,३०० कारतूस व तीन मैगजीन के साथ पकड़ा था। शामली पुलिस ने रास्ते में चेकिंग के दौरान अनिल नाम के शख्स को धर दबोचा था।

राठी गिरोह भी निशाने पर
जिस भाजपा नेता कृष्णानंद की हत्या मुख्तार गिरोह ने करवाई थी, उसके समर्थक पूर्वांचल के माफिया बृजेश सिंह रहे हैं। आश्चर्य की बात तो यह है कि मुख्तार के साथी मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में एक माफिया सुनील राठी ने हत्या कर दी। मामले की जांच कर रही पुलिस की टीम मुन्ना बजरंगी और जीवा के उस कनेक्शन को खंगालेगी जो दोनों ने मुंबई मे बनाया था। जल्द ही पुलिस की एक टीम मुंबई में इस मामले की जांच करेगी। इस मामले में पुलिस राठी गिरोह को भी निशाने पर लेकर जांच कर रही है। शूटर विजय यादव का कोई भी आपराधिक इतिहास अभी नजर नहीं आया है। मात्र आजमगढ़ में एक नाबालिग युवती भगाने का मामला दर्ज है।

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