सामना संवाददाता / मुंबई
`जाको राखे साइंया, मार सके ना कोय’ वाला कहावत मुंबई के कदम परिवार के साथ चरितार्थ हुई है। श्रीनगर में लगातार दो दिनों से बारिश हो रही थी इसलिए जम्मू की ओर जानेवाले मार्ग बंद हो गए थे। साथ में छोटे बच्चे थे इसलिए लौटते समय आनेवाली समस्याओं को देखते हुए कदम परिवार ने सोमवार को पहलगाम जाने के प्लान को कैंसिल कर जम्मू की ओर निकल पड़े थे। हालांकि, हिंदुस्थान का स्विट्जरलैंड समझे जानेवाले पहलगाम को न देखने की टीस उनके मन में रह गई थी। इस बीच उन्हें मंगलवार पहलगाम में आतंकी हमला होने की खबर मिली। इस घटना के बाद अतुल कदम ने कहा कि भगवान की कृपा से ही यह दौरा रद्द हुआ और उनकी व उनके परिवार की जान बची है।
मुंबई निवासी अतुल कदम ने बताया कि जम्मू-कश्मीर घूमने की योजना हमने फरवरी में ही बनाई थी। मेरी पत्नी, बेटा, भतीजा, एक मित्र और उसकी पत्नी समेत हम कुल छह लोग थे। हम सभी सोमवार और मंगलवार दो दिन हम पहलगाम में ठहरने वाले थे। इस बीच सोनमर्ग और गुलमर्ग देखने के बाद सोमवार को श्रीनगर से पहलगाम जाने वाले थे, लेकिन लगातार दो दिन बारिश होने की वजह से जम्मू की ओर जाने वाला मार्ग बंद कर दिया गया था। पहलगाम को देश का स्विट्जरलैंड कहा जाता है इसलिए वहां जाने की बहुत इच्छा थी, लेकिन बारिश के कारण हमें निराश होकर अपना निर्णय बदलना पड़ा। उस समय वहां के कुछ स्थानीय लोगों ने कहा कि जब इतनी दूर से आए हो तो पहलगाम जरूर जाओ, वहां का प्राकृतिक सौंदर्य अद्भुत है। यह जैसे ही पता चला हम सबकी जान जैसे हलक में आ गई। अतुल ने कहा कि तय कार्यक्रम के मुताबिक जिस समय पहलगाम में होते, ठीक उसी समय वहां हमला हुआ इसलिए हमें ऐसा लगता है कि जैसे भगवान ने ही हमारी रक्षा की। श्रीनगर में लगातार हो रही बारिश के कारण जम्मू की बजाय सीधे मुंबई लौटने के लिए हमने फ्लाइट का विकल्प देखा, लेकिन जम्मू से मुंबई तक एक व्यक्ति का हवाई टिकट ६० हजार रुपए था। इसी वजह से हमने ट्रेन से दिल्ली जाने का निर्णय लिया।