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मौसमी बीमारियों की मार मुंबई मनपा हुई बेजार … स्वाइन फ्लू का जारी है कहर डेंगू, मलेरिया और स्टमक फ्लू भी दे रहा टेंशन

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मौसमी बीमारियों की बढ़ती रफ्तार से न केवल मुंबईकर, बल्कि मनपा भी बेजार हो चुकी है। शहर में स्वाइन फ्लू का लगातार कहर जारी है और महामारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी के साथ ही मुंबई में डेंगू, मलेरिया और स्टमक फ्लू के मामलों में भी जोरदार तरीके से बढ़ोतरी हुई है। ये बीमारियां मनपा के स्वास्थ्य विभाग को टेंशन दे रही हैं।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में मौसमी बीमारियों का संकट कायम है। जुलाई में मुंबई में मलेरिया, स्वाइन फ्लू, डेंगू, गैस्ट्रो, लेप्टो, चिकनगुनिया बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक एक से ३१ जुलाई के बीच मलेरिया के ७९७, डेंगू के ५३५, गैस्ट्रो के १२३९, चिकनगुनिया के २५, लेप्टो के १४१, हेपेटाइटिस के १४६ और स्वाइन फ्लू के १६१ मामले मिले हैं।

घर-घर सर्वे कर रहे स्वाथ्य कर्मी
मनपा स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक स्वास्थ्यकर्मी घर घर जाकर सर्वे कर रहे हैं। इसके साथ ही रैपिड और रिस्पांस टीम की ओर से उपाय योजनात्मक कार्रवाई की जा रही है। बताया गया है कि जुलाई में कुल ११,९४,७४८ घरों का सर्वे किया गया है। इस अवधि में ५५,७९,८१९ नागरिकों का भी सर्वे किया गया है। इसके अलावा ८४,११६ प्रोफिलैक्सिस वैâप्सूल का वितरण किया गया है, जबकि १,६६,१७३ नागरिकों के खून के नमूने लिए गए। गैस्ट्रो को कंट्रोल करने के लिए ६८,०२१ ओआरएस बांटा गया। पानी को शुद्ध रखने के लिए क्लोरीन के ६९,८६७ टैबलेट वितरित किए गए हैं।

चूहों का किया जा रहा खात्मा
लेप्टो को कंट्रोल करने के लिए जहरीली दवाओं का इस्तेमाल करके ९६६ चूहों को मारा गया है। इसके साथ ही पिंजरे से ३,४०९ और (रात्रि पाली मूषक संहार संस्था) के माध्यम से २३,६२८ चूहों को मारा गया।

विफल हो रहे मलेरिया और डेंगू को रोकने के उपाय
मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने बताया है कि डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए निर्माण स्थलों, इमारतों और झोपड़पट्टियों में मच्छर जनित क्षेत्रों की पहचान की जा रही है। इसके तहत जुलाई में कुल ३०,००९०७ निर्माण स्थलों, इमारतों, झोपड़पट्टियों और कंटेनरों की जांच की गई। इस दौरान ३०,४५४ मच्छरजनित स्थलों को नष्ट किया गया है। इसके साथ ही १,५५११ फॉगिंग मशीनों की मदद से ६,०८,२९४ इमारतों और झोपड़पट्टियों में धुएं मारे गए। इसके बावजूद मौसमी बीमारियों को कंट्रोल करने में मनपा को कड़ी कसरत करनी पड़ रही है।

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