चुनाव से पहले निलंबन किया रद्द
आरटीआई से सामने आई चौंकानेवाली जानकारी
सामना संवाददाता / मुंबई
भ्रष्टाचारियों पर मुंबई मनपा किस कदर मेहरबान है, इसकी एक बानगी सामने आई है। भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे करीब ९६ मनपा अधिकारियों का निलंबन रद्द कर उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया है। बताया जाता है कि लोकसभा चुनाव से कुछ हफ्ते पहले निलंबन समीक्षा समिति के पैâसले के बाद इन अधिकारियों को फिर से नौकरी पर रख लिया गया है। इनमें अधिकारी और इंजीनियर रैंक वाले कर्मचारी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, १९ लोगों पर आपराधिक केस दर्ज हैं, जबकि ७७ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इन अधिकारियों को निलंबन समीक्षा समिति के निर्णय के अनुसार बहाल किया गया है। इस संबंध में २७ मार्च २०२४ को इस समिति की बैठक हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया। ‘यंग व्हिसलब्लोअर्स फाउंडेशन’ के जितेंद्र घाडगे को यह जानकारी आरटीआई के जरिए मिली।
५ बैठकों पर संदेह
बताया जाता है कि इसके लिए पिछले साल से लेकर अब तक कुल ५ बैठकों का आयोजन किया जा चुका है। हालांकि, मनपा ने इसे एक ‘विशेषाधिकार प्राप्त दस्तावेज’ बताते हुए इन बैठकों के बारे में जानकारी देने से इनकार कर दिया है। इसलिए इसे लेकर संदेह व्यक्त किया जा रहा है।
आरोपियों पर नहीं की गई ठोस कार्रवाई
आरटीआई एक्टिविस्ट घाडगे ने सवाल उठाया है कि मुंबई मनपा प्रशासन जनहित के लिए काम करती है या भ्रष्ट और शक्तिशाली लोगों के लाभ के लिए? भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसमें संदेह है कि चुनाव से ठीक पहले ये अधिकारी बहाल हो जाएंगे। घाडगे ने आरोप लगाया है कि ये अधिकारी चुनाव ड्यूटी में भी शामिल थे।