२७ साल बाद भारतीय घरेलू क्रिकेट की सबसे सफल टीम मुंबई ने ईरानी कप २०२४ का खिताब जीत लिया है। यह टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी के विजेता और रेस्ट ऑफ इंडिया के बीच खेला जाता है। मैच ड्रॉ रहा और पहली पारी में बढ़त के आधार पर मुंबई को विजेता घोषित किया गया। पहली पारी में सरफराज खान के दोहरे शतक की मदद से मुंबई ने ५३७ रन बनाए थे। अभिमन्यु ईश्वरन के १९१ रनों की पारी के बाद भी रेस्ट ऑफ इंडिया ४१६ रन ही बना सकी। मुंबई ने १५वीं बार ईरानी कप का खिताब जीता है। टूर्नामेंट की शुरुआत १९५९-६० में हुई थी। ईरानी कप के पहले तीन सीजन को मुंबई ने अपने नाम किया था। चौथे सीजन को रेस्ट ऑफ इंडिया ने जीता। तब मुंबई बॉम्बे के नाम से खेलती थी। अभी तक रेस्ट ऑफ इंडिया सबसे ज्यादा ३० बार खिताब जीत चुकी है। मुंबई ने ३० बार इसमें हिस्सा लिया है। ६ बार कर्नाटक की टीम चैंपियन रही है। मुंबई ने मैच के अंतिम दिन-रात के छह विकेट पर १५३ रन से आगे खेलना शुरू किया। टीम ने अपनी दूसरी पारी आठ विकेट पर ३२९ रन पर घोषित की और कुल बढ़त ४५० रन की हो गई। तनुष कोटियन १५० गेंदों पर ११४ रन बनाकर नाबाद रहे, उन्होंने १० चौके और एक छक्का लगाया। एक सत्र से भी कम समय में ४५१ रनों का पीछा करने की निरर्थकता को जानते हुए रुतुराज गायकवाड़ ने अजिंक्य रहाणे से हाथ मिलाया, उसी समय रणजी ट्रॉफी चैंपियन मुंबई के लिए ड्रॉ और जीत का संकेत दिया। इससे पहले मुंबई ने अपनी पहली पारी में ५३७ रन बनाए थे। सरफराज खान के बल्ले से २२२ रनों की नाबाद पारी निकली थी। अभिमन्यु ईश्वरन के १९१ रनों की मदद से मुंबई ने ४१६ रन बनाए। सरफराज खान को उनके दोहरे शतक के लिए ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का अवॉर्ड मिला।