सामना संवाददाता / मुंबई
आने वाले समय में मुंबईकरों को पानी कटौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि बढ़ती गर्मी के कारण मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले जलाशयों में पानी का स्तर तेजी से कम हो रहा है। आंकड़ों के अनुसार, १९ मई को सातों जलाशयों में सिर्फ ११ फीसदी यानी १ लाख ७० हजार ६०६ मिलियन लीटर पानी ही उपलब्ध है।
इस वर्ष सात फीसदी पानी की कमी
पिछले साल की तुलना में इस साल जल भंडारण में सात फीसदी की कमी आई है। ऐसी संभावना है कि अगर बारिश समय पर नहीं हुई तो मुंबई को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। मुंबई को सातों जलाशयों मोदक सागर, मध्य वैतरणा, अपर वैतरणा, भातसा, तानसा, विहार और तुलसी से प्रतिदिन ३,९५० मिलियन लीटर पानी की आपूर्ति की जाती है। मुंबई की साल भर की प्यास बुझाने के लिए जलाशयों में १४ लाख ४७ हजार ३४३ मिलियन लीटर पानी की जरूरत है।
जलवायु परिवर्तन का हो रहा असर
बताया जाता है कि गर्मी में वृद्धि, जलवायु परिवर्तन ने हाल के वर्षों में बारिश के पैटर्न को बदल दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मी के कारण मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले जलाशयों में पानी का तेजी से वाष्पीकरण हो रहा है जिससे पानी की मात्रा में कमी हो रही है। हालांकि, कितना वाष्पीकरण हो रहा है, यह निर्धारित करने के लिए मनपा के पास वर्तमान में कोई प्रणाली उपलब्ध नहीं है।