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सायन पुल बंद होने से मुंबईकर परेशान! …पुल को गिराने और पुनर्निर्माण का काम करो तेज …शिवसेना की मांग पर रेलवे मंत्री ने दिया सकारात्मक प्रतिसाद

सामना संवाददाता / मुंबई
सायन रेलवे स्टेशन के समीप १२२ वर्षीय पुराने पुल को तोड़ने के बाद उस पुल के पुनर्निर्माण कार्य को रोके जाने से पुल का भविष्य अंधकार में हैं। यदि पुल को तोड़ने में इतना समय लग रहा है तो इसे बनाने में कितना समय लगेगा? ऐसा सवाल मुंबईकरों के दिल में घर करने लगा है। वहीं, इस पुल के बंद होने से त्योहारों के दौरान दादर से साइन इलाके में जानलेवा ट्रैफिक जाम हो रहा है और इस गंभीर मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और स्थानीय सांसद अनिल देसाई ने आवाज उठाई है। अनिल देसाई ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से नई तकनीकी का उपयोग करके जल्द से जल्द पुल का पुर्ननिर्माण करके नागरिकों को राहत दी जाए, ऐसी मांग की है।
बता दें कि सायन में रेलवे पुल ३१ जुलाई से यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। इसलिए, पूर्व से पश्चिम उपनगरों की ओर जाने वाले सभी वाहनों को सायन अस्पताल के पास से घूमना पड़ रहा है। इसके कारण व्यस्त समय में सायन हॉस्पिटल जंक्शन पर भीषण जाम लग जाता है। वडाला, प्रतीक्षानगर, एंटॉप हिल, धारावी, दादर, माटुंगा, माहिम और दक्षिण मुंबई जाने वाले सभी वाहन इस जाम में फंस रहे हैं और इस इलाके की सड़कों पर इस समय वाहनों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। जिसके कारण काम पर आने-जाने वाले सभी लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, सायन से दादर क्षेत्र में कई स्कूल, कॉलेज और प्रमुख शैक्षणिक संस्थान हैं और हजारों छात्र को ट्रैफिक जाम के कारण मनस्ताप सहन करना पड़ता है। इसके अलावा आर्थिक बोझ भी सहन करना पड़ रहा है। १५ से २० मिनट के सफर में एक से सवा घंटे लग रहे हैं रेलवे प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस और संबंधित एजेंसियों को इस ट्रैफिक जाम का तत्काल समाधान खोजने की आवश्यकता है। इस गंभीर मुद्दे पर रेल मंत्री ध्यान दें, ऐसा अनुरोध अनिल देसाई ने रेलवे मंत्री वैष्णव से किया है। वहीं, देसाई ने रेल मंत्री को संबंधित पुलों और ट्रैफिक जाम की तस्वीरें भी सौंपी हैं।

डिमॉलिशन का काम क्यों रुका? -अनिल देसाई
३१ जुलाई से पुल को यातायात के लिए बंद करने के बाद डिमॉलिशन काम शुरू हुआ, लेकिन तब से काम रुका हुआ है। इससे नागरिकों में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। सभी को डर है कि अगर ऐसा कदम उठाया गया तो पुल को दोबारा बनाने और खोलने में कई साल लग जाएंगे। इसे ध्यान में रखते हुए, देसाई ने एक बयान में अनुरोध किया है कि नई तकनीक का उपयोग करके इस पुल का जल्द से जल्द पुनर्निर्माण किया जाए और निवासियों को राहत प्रदान की जाए। रेल मंत्री ने इसका संज्ञान लेते हुए सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

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