सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई में लगभग १२ समुद्री किनारे यानी चौपाटियां हैं। इनमें से सबसे ज्यादा गेटवे ऑफ इंडिया और मरीन ड्राइव जैसे कुछ ही समुद्र तट पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हैं। लेकिन इन १२ में से आठ सागर किनारों पर सुरक्षा का खासा इंतजाम नहीं है, जिस कारण ये पर्यटकों के लिए असुरक्षित और खतरनाक हैं।
उल्लेखनीय है कि मुंबई के पर्यटन स्थलों पर बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। लेकिन हाल के सरकारी पैâसले और मनपा रिकॉर्ड से यह निष्कर्ष निकला है कि शहर में १२ सागर के किनारे हैं, जिनमें से आठ खतरनाक हैं। इससे मनपा प्रशासन न केवल हिल गया है। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड, पुलिस बल के सामने चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। इनमें से गेटवे ऑफ इंडिया, मरीन ड्राइव, जूहु और गिरगांव चौपाटी को पर्यटकों के लिए सुरक्षित माना जाता है।
ये हैं मुंबई के समुद्री किनारे
गिरगांव, वालकेश्वर-वरली, दादर, माहिम, बांद्रा से खार, जुहू, अक्सा, मनोरी, गोराई, मार्वे, टाटा गार्डन बी.डी. रोड और राजभवन समेत कुल १२ स्थानों पर समुद्री तट हैं। लेकिन १२ में से केवल दो समुद्र तट ही पर्यटकों के लिए सुरक्षित हैं। सुरक्षा कारणों से राजभवन बीच पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र है, जबकि टाटा गार्डन बी.डी. रोड किनारे पर्यटकों की संख्या कम है।
यहां लगती है पर्यटकों की भीड़
बड़ी संख्या में स्थानीय, देश के विभिन्न कोनों और विदेशों से पर्यटक इन खतरनाक समुद्र तटों पर आते हैं। इस बीच मुंबई फायर ब्रिगेड ने पर्यटकों की सुरक्षा के लिए शहर में स्थित समुद्र के छह तटों पर १११ लाइफ गार्ड तैनात किए हैं। शहर और उपनगरों के समुद्र तटों पर मुंबई आने वाले देशी और विदेशी पर्यटकों के लिए आकर्षण बन रहे हैं। इनमें से आठ समुद्र तटों को खतरनाक, जबकि केवल दो को पर्यटन के लिए सुरक्षित घोषित किया गया है।