सामना संवाददाता / ठाणे
ठाणे मनपा लगातार कर्ज में डूबती जा रही है। मनपा जलापूर्ति योजना को मजबूत करने के लिए २०० करोड़ रुपए का कर्ज लेने की फिराक में हैं। दरअसल, जलापूर्ति योजना को मजबूत करने के लिए कुल ३६७ करोड़ रुपए का खर्च अपेक्षित है। कुल राशि में से राज्य सरकार और केंद्र सरकार २५-२५ प्रतिशत राशि देगी, जबकि शेष ५० प्रतिशत राशि ठाणे मनपा को अदा करनी होगी। यही वजह है कि ठाणे मनपा कर्ज लेने की फिराक में है। इतना ही नहीं ठाणे मनपा पर पहले का भी १०५ करोड़ रुपए का कर्ज है।
बता दें कि ठाणेकरों को रोजाना ५८५ मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है। जल आपूर्ति योजना को मजबूत करने का निर्णय ठाणे मनपा ने लिया है। इसके तहत ठाणे मनपा ने पहले चरण में २४४ करोड़ रुपए का टेंडर निकाला है। इसमें २५-२५ प्रतिशत व्यय राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि ठाणे मनपा ५० प्रतिशत खर्च वहन करेगी।
किए जाएंगे ये कार्य
नई पानी की टंकियों का निर्माण कराया जाएगा। वर्तमान में शहर में ७५ जलकुंभ और १५ पंप हाउस हैं। उनमें से कुछ का नवीनीकरण एक साल पहले ही किया गया है। ये सभी जलकुंभ और पंप हाउस १९८५ और १९८८ के बीच बनाए गए थे। इनमें से कुछ जलस्रोतों का पुन: निर्माण किया जाएगा।
इन इलाकों पर इतना होगा खर्च
घोड़बंदर इलाके के लिए १०४ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वर्तकनगर और लोकमान्य नगर पर ५६ करोड़ रुपए खर्च होंगे, जबकि ठाणे शहर, कलवा, वागले पर ८४ करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। मुख्य पंप तक पहुंचने के लिए १३ किमी लंबा चैनल बिछाने की योजना है। विभिन्न क्षेत्रों में जल वितरण के लिए २० किमी तक पाइपलाइन बिछाई जाएगी। इंदिरानगर, श्रीनगर, गांधीनगर, कोपरी गांव, सुकुरपाड़ा आदि इलाकों में पुरानी पानी टंकियों के स्थान पर नई पानी टंकियां बनाई जाएंगी। इसके लिए करीब ३६७ करोड़ रुपए का खर्च होने का अनुमान है।
कहां से आएगी निधि
आर्थिक स्थिति खराब होने से मनपा को ५० फीसदी यानी २०० करोड़ रुपए खर्च वहन करना मुश्किल हो गया है। मनपा २०० करोड़ रुपए लोन लेने की सोच रही है। बता दें कि वर्ष २००७ में ठाणे मनपा ने एमएमआरडीए से ३०० करोड़ रुपए कर्ज लिया था, जिसमें से १९५ करोड़ रुपए भुगतान कर दिया गया है, जबकि १०५ करोड़ रुपए कर्ज अभी भी बकाया है।