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सुरंग का विरोध टेंशन में मनपा …जीएमएलआर के खिलाफ आदिवासी, २४७ करोड़ लागत बढ़ी

सामना संवाददाता / मुंबई
मनपा की महत्वाकांक्षी जीएमएलआर परियोजना के तहत प्रस्तावित जुड़वां सुरंगें संजय गांधी नेशनल पार्क के नीचे से होकर गुजरेगी, लेकिन कुछ जगहों पर सुरंग बनाने को लेकर प्रभावित हो रहे आदिवासियों की खेती और जनजीवन के चलते विरोध शुरू हो गया। विरोध को देखते हुए मनपा टेंशन में आ गई और उसने प्लान में बदलाव किया है। बदलावा के चलते जीएमएलआर परियोजना ४ प्रतिशत महंगी हो गई है।
बता दें कि गोरेगांव से मुलुंड तक जीएमएलआर परियोजना के तहत जहां से सुरंग गुजरेगी। उसके ऊपर पहाड़, वन क्षेत्र, खेती, आदिवासियों के गांव आदि हैं। यहां आरे के फिल्म सिटी के भीतर बसे गांवों के बीच हबले पाड़ा और नागरमुडी पाड़ा में रहने वाले आदिवासी गांव बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। इन लोगों ने कड़ा विरोध जताया है। मनपा के प्रस्तावित परियोजना से आदिवासियों की आजीविका पर असर पड़ रहा है। नतीजतन उन्होंने विरोध जताया है और अब उनके विरोध के बाद मनपा ने प्लान में बदलाव किया है।
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दिया गया ठेका
मनपा ने इस परियोजना की ४.७ किलोमीटर लंबी जुड़वां सुरंगों में ६०० मीटर दूरी तक बदलाव कर रही है, जिससे परियोजना की लागत २४७ करोड़ रुपए बढ़ जाएगी और सुरंग परियोजना की लागत में भारी बढ़ोतरी होगी। मनपा ने इस परियोजना के लिए लागत ६,३०१ करोड़ रुपए अनुमानित किया था, लेकिन अब इसकी लागत में बढ़ोतरी हो रही है। जबकि पूरे जीएमएलआर रोड परियोजना की लागत ८,५०० करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। परियोजना की लागत में वृद्धि की विपक्ष ने आलोचना की है। मनपा के इस कदम को विपक्ष ने गलत बताते हुए विरोध किया है। सोशल मीडिया पर कांग्रेस के पूर्व पार्षद रवि राजा ने लिखा कि जैसी अपेक्षा थी मनपा ने वैसे ही लागत में वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि इस सड़क पर फ्लाईओवर बनाने का ठेका ब्लैक लिस्टेड कंपनी सिंगला प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है।

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