महानगरपालिका के लिए बना बड़ा सिरदर्द
सामना संवाददाता / मुंबई
गोरेगांव-मुलुंड लिंक रोड पर मुंबई महानगरपालिका द्वारा नाहुर रेलवे लाइन पर पुल का काम शुरू किया गया है। हालांकि, पुल का काम ८० फीसदी पूरा हो चुका है, लेकिन इसकी लागत २.५ करोड़ रुपए बढ़ गई है। पुल स्थल पर पेड़ों को काटने, उन्हें दोबारा लगाने, सीवेज चैनल को स्थानांतरित करने, फुटपाथ की बजाय वाहन अंडरपास बनाने से लागत बढ़ गई है। फ्लाईओवर की लागत में बढ़ोतरी से मनपा के लिए यह बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है।
ठेकेदार से कराया जा रहा है काम
नाहुर पुल के निर्माण के लिया मनपा द्वारा ठेकेदार नियुक्त किया गया है। इस पुल के काम के लिए नीरज सीमेंट स्ट्रक्चरल लिमिटेड कंपनी का चयन किया गया था। पुल का काम १८ महीने में पूरा होने की उम्मीद थी, जिसके लिए ७२ करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे।
अभी बाकी है फ्लाईओवर का काम
नाहुर रेलवे स्टेशन के पास फ्लाईओवर का विस्तार और पुनर्निर्माण किया जाना है। मनपा का दावा है कि काम ८० फीसदी पूरा हो चुका है। ठेका देते समय काम की मूल कीमत ७२ करोड़ थी, जो अब यह बढ़कर ७४ करोड़ ८२ लाख हो गई है।
अतिरिक्त कार्यों से बढ़ी लागत
पुल निर्माण में अन्य जरूरी काम जुड़ने से लागत बढ़ गई है। जिन वजहों से लागत बढ़ी है, उनमें पेड़ों को काटना, दोबारा लगाना, सीवरेज चैनल को स्थानांतरित करना, फुटपाथ की जगह सबवे बनाना और पुल के बगल एक छोटे नाले पर पुल को नई योजना के अनुसार बनाना है।