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कोरोना योद्धाओं पर मनपा का अत्याचार! …घाती सरकार को दिया निर्णय का अधिकार

सामना संवाददाता / मुंबई
घाती सरकार के प्रतिशोध की भावना के कारण कोरोना योद्धा रहे मनपा इंजीनियरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। मनपा में खुद इंजीनियरों को लेकर कोई रुख अपनाने के बजाय फैसला का अधिकार राज्य सरकार की झोली में डाल दिया गया है। मनपा सोमवार को हाई कोर्ट में तलब होते हुए कोरोना योद्धाओं पर मामला दर्ज करने के प्रस्ताव पर मंजूरी का अधिकार घाती सरकार को दे दिया, जिससे इंजीनियरों को जांच की समस्या झेलनी होगी। सरकार अब इंजीनियरों पर केस दर्ज करने की मंजूरी देगी या नहीं? यह उस पर तय है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और ईडी कोरोना काल के दौरान उच्च दरों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन और बॉडी बैग खरीदने का दावा करते हुए अनावश्यक परेशानियां पैदा कर रही हैं। मनपा इंजीनियर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रमेश भुटेकर-देशमुख और मनपा मजदूर संघ के वकील हर्षवर्धन सूर्यवंशी के माध्यम से एक आपराधिक रिट याचिका दायर की गई है। न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति श्याम चांडक की पीठ के समक्ष इसकी सुनवाई हुई। जिसमें बताया गया कि जांच एजेंसियां ईओडब्ल्यू और ईडी मुंबई मनपा इंजीनियरों के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए मनपा आयुक्त से मंजूरी पाने का इंतजार कर रही हैं। जबकि इंजीनियरों का कहना है कि जांच के नाम पर यातना दी जा रही थी, जिसे लेकर कोर्ट ने नाराजगी दर्शाई है।

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