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मनपा की ‘एफडी’ पर निर्भर है …परियोजनाओं की ‘उड़ान’!

सामना संवाददाता / मुंबई
‘मिंधे’ सरकार के दबाव में बजट में विकास परियोजनाओं के लिए ८८ हजार ३०४ करोड़ रुपए की एफडी में से सीधे १५ हजार करोड़ रुपए प्रावधान किए जाने के बाद अब यह बात सामने आई है कि ५१ करोड़ रुपए की ‘एफडी’ पर निर्भर सवा करोड़ रुपए के विकास कार्यों की योजना बनाई गई है। ८८ हजार करोड़ रुपए की ‘एफडी’ में ३७ हजार करोड़ की राशि कर्मचारियों की भविष्य निर्वाह निधि, पेंशन और ठेकेदारों के कर्ज आदि के लिए आरक्षित की गई है। इसलिए सवाल उठ रहा है कि क्या मुंबई के सुरक्षित भविष्य के लिए आरक्षित ‘एफडी’ हर साल प्रभावित होगी।
मुंबई मनपा का ५२ हजार ६१९.०७ करोड़ का बजट हाल ही में पेश किया गया। इसमें मनपा द्वारा बुनियादी सुविधाओं के लिए १,२४,१२९.२८ करोड़ की परियोजना लागत का उल्लेख किया गया है। इसके लिए २०२३-२४ में १९,७६०.१२ करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि जब आय की कोई नई योजना ही नहीं है तो भविष्य में परियोजनाओं की बढ़ती लागत वैâसे पूरी होगी? कुल ८८ हजार ३०४.०५ करोड़ की जमा राशि के भरोसे पर भले ही यह व्यय अनुमानित किया गया है, फिर भी ३७ हजार १५६.६९ करोड़ रुपए कर्मचारियों और ठेकेदारों को भुगतान करने जैसे विशिष्ट उद्देश्यों के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ७२ हजार ९८१.९२ करोड़ के कार्यों की लागत वैâसे पूरी होगी? प्रशासन का कहना है कि यह निधि एक साथ देने की जरूरत नहीं है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रस्तावित कार्य अगले कुछ वर्षों में धीरे-धीरे पूरे हो जाएंगे। इसलिए इन कार्यों के लिए निधि उपलब्ध कराने में कोई समस्या नहीं होगी लेकिन यह स्पष्ट है कि इसका असर हर साल एफडी पर पड़ेगा। इसके अलावा कार्यों को पूरा करने की समय सीमा एक से दो वर्ष है। इसलिए यह सवाल उठता है कि यदि इनमें से अधिकांश कार्य एक वर्ष में पूरे हो जाते हैं तो धन वैâसे उपलब्ध कराया जाएगा?

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