-नर्सों की कमी से जोखिम में मरीजों की जान
-स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है असर
सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा अस्पतालों में मरीजों की तुलना में मैनपावर कम पड़ने लगी है। इसका सीधा असर रोगियों की देखभाल पर पड़ रहा है। दूसरी तरफ, इंडियन मेडिकल काउंसिल की शर्त के मुताबिक, छह मरीजों की देखभाल करने का जिम्मा एक नर्स पर होना चाहिए। हालांकि, मौजूदा समय में मनपा द्वारा संचालित अस्पतालों में सौ मरीजों पर एक या दो नर्स ही अपनी सेवा दे रही हैं। मुंबई मनपा द्वारा सायन, केईएम, नायर, कूपर समेत चार प्रमुख अस्पताल संचालित हैं। इसके साथ ही १६ उपनगरीय अस्पताल, ३० मैटरनिटी होम, १९० दवाखाना, २३९ हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे स्वास्थ्य केंद्र, और २११ प्राथमिक चिकित्सा केंद्र भी संचालित हैं।
मनपा प्रशासन नहीं उठा रहा कोई ठोस कदम
मनपा के प्रमुख अस्पतालों में मुंबई और महाराष्ट्र समेत देश के कई राज्यों से अपनी बीमारियों का इलाज कराने के लिए आते हैं। हालांकि, प्रमुख और उपनगरीय अस्पतालों में मैनपावर की कमी का सीधा असर मरीजों के देखभाल पर पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अस्पतालों में एक नर्स करीब ५० मरीजों की देखभाल कर रही है, जिससे वह तनाव में रहती हैं। उनकी इस समस्या का समाधान करने के लिए मनपा प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। ऐसे में, म्युनिसिपल यूनियन पहले से ही मांग कर रही है कि मनपा प्रशासन को साफ-सफाई, मरीजों व कर्मचारियों के अनुपात और उनके बीच भारी अंतर पर भी ध्यान देना चाहिए।
अस्पतालों में बेड रहते हैं फुल
मुंबई की आबादी बढ़ने के साथ ही मनपा अस्पतालों में मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। अस्पतालों में बेड फुल रहते हैं। साथ ही अक्सर देखा जाता है कि एक बेड पर दो मरीज रहते हैं। इतना ही नहीं, बेड के नीचे और बरामदे में फर्श पर मरीज देखे जाते हैं। मरीजों की तुलना में मैनपावर न बढ़ाए जाने से इसका सीधा मरीजों की देखभाल पर भी पड़ रहा है। इतना ही नहीं इस वजह से मृत्यु दर भी बढ़ रही है।
मनपा अस्पतालों में कार्यरत हैं १५,७०७ बेड
मनपा के पांच प्रमुख केईएम, नायर, सायन, कूपर नायर डेंटल अस्पतालों में लगभग १२,४६२ बेड है। इसी तरह १७ उपनगरीय अस्पतालों में करीब ३,२४५ बेड हैं। इसके अलावा पांच समर्पित विशेष अस्पताल कार्य कर रहे हैं, जिसमें कस्तूरबा अस्पताल, एकवर्थ कुष्ठरोग अस्पताल, मुरली देवड़ा नगर नेत्र अस्पताल, टीबी रोग अस्पताल, सेठ आत्मा सिंह जैसा सिंह बांकेबिहारी कान, नाक और गला अस्पताल शामिल हैं।