सामना संवाददाता / मुंबई
पिछले महीने अक्टूबर व नवंबर महीने के दौरान मुंबई महानगर में प्रदूषण चरम पर था। वायु प्रदूषण के मामले में मुंबई महानगर दिल्ली से भी आगे निकल गया था। राज्य की शिंदे सरकार प्रदूषण को रोकने में फेल हो रही थी। ऐसे में मनपा पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए कदम उठाने और प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए दबाव था। जिसके बाद महानगर में प्रदूषण को रोकने के लिए बनी मनपा की टीम ने मुंबई में जगह-जगह प्रदूषण करने वालों पर कार्रवाई शुरू की थी। जानकारी के अनुसार, पिछले ५ महीने में ४,४५४ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं। लेकिन आश्चर्य है कि ये सभी मामले छुट-पुट घटनाओं से जुड़े हैं। इस कार्रवाई के तहत मनपा ने दोषियों से १.११ करोड़ रुपए का दंड भी वसूल किया है। आंकड़ों के अनुसार, कुल शिकायतों में से लगभग ७० प्रतिशत उन इलाकों में दर्ज की गई हैं जिन इलाकों तक स्वच्छता अभियान का लाभ नहीं पहुंचा है। यहां लोग अपने परिसर को साफ रखने में विफल हो रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक मामले बांद्रा, खार, सांताक्रूज, अंधेरी, जोगेश्वरी, विलेपार्ले, देवनार, मानखुर्द, पायधुनी, भुलेश्वर जैसे इलाकों में दर्ज किए गए हैं। मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, कचरा जलाने के मुद्दे पर नागरिकों ने सबसे कम शिकायतें दर्ज की हैं। पिछले पांच महीनों में मनपा को खुले में कचरा जलाने के केवल २१४ मामले मिले हैं।