-अगले हफ्ते दूसरे मानव रोगी में प्रत्यारोपित करेंगे अपना चिप
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
इंसान के दिमाग पर भी कंट्रोल करने की तैयारी हो गई है इसके लिए अमेरिका के कारोबारी एलन मस्क ने एक नई टेक्नोलॉजी बनाई है। उनकी कंपनी कई अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही हैं उन्ही में से एक है ‘न्यूरालिंक’। यह कंपनी न्यूरल इंटरफेस टेक्नोलॉजी पर काम करती है सीधे शब्दों में कहें तो यह कंपनी इंसानों के दिमाग से जुड़ी तकनीक पर काम कर रही है। यह कंपनी अपने पहले रोगी के बाद अब दूसरे रोगी का ब्रेन चिप के जरिए टेस्ट करने जा रही है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने बताया कि न्यूरालिंक, अपने दूसरे रोगी के टेस्ट पर आगे बढ़ रही है। क्योंकि दिमाग और कंप्यूटर को जोड़ने वाली तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है। दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लाइव स्ट्रीम के दौरान, एलन मस्क और न्यूरालिंक की टीम ने ब्रेन ट्रांसप्लांट को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने में कंपनी की तरक्की से जुड़े सवालों का जवाब दिया।
पहले रोगी पर हो चुका चिप का टेस्ट
इससे पहले जनवरी में न्यूरालिंक ने एक व्यक्ति के मस्तिष्क में डिवाइस का सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट किया था। यह व्यक्ति गोताखोरी के दौरान हुई दुर्घटना में कंधे से नीचे तक लकवाग्रस्त हो गया था। न्यूरालिंक में हुए इम्प्लांटेशन के बाद इस व्यक्ति ने शतरंज, वीडियो गेम खेलने और अपने मस्तिष्क से कंप्यूटर स्क्रीन को नियंत्रित किया।
क्या है न्यूरालिंक चिप
एलन मस्क का टेक्नोलॉजी में बड़ा इंटरेस्ट है और वे इस क्षेत्र में हमेशा कुछ नया करने की सोच रखते हैं। न्यूरालिंक उनकी इसी सोच का नतीजा है न्यूरल इंटरफेस टेक्नोलॉजी वाली ये कंपनी अपनी एक खास चिप को लेकर काफी चर्चा में है। दरअसल न्यूरालिंक, एक ऐसी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पावर्ड माइक्रो चिप है जो ब्रेन की एक्टिविटी को पढ़ सकती है।