मुख्यपृष्ठनए समाचारसरकार को ‘शरीयत’ की चुनौती!... यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मुसलमान नहीं करेंगे...

सरकार को ‘शरीयत’ की चुनौती!… यूनिफॉर्म सिविल कोड पर मुसलमान नहीं करेंगे अमल

•  मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने प्रस्ताव पारित करके जताया विरोध

सामना संवाददाता / लखनऊ
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने रविवार को कहा कि मुसलमान का मतलब अपने आपको अल्लाह के हवाले करना है, इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना है। इसके साथ ही बोर्ड ने सरकार से अनुरोध किया है कि देश के संविधान में हर शहरी को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी है इसलिए वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का एहतराम करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का इरादा छोड़ दे। गौरतलब है कि रविवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना सैयद राबे हसनी नदवी की अध्यक्षता में नदवतुल उलेमा लखनऊ में बोर्ड की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर मुसलमानों से यह आह्वान किया गया।
एआईएमपीएलबी ने एक बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें इसके कार्यान्वयन को ‘अनावश्यक’ माना गया और साथ ही इस बात पर जोर दिया गया कि १९९१ के पूजा स्थल अधिनियम को ‘बनाए रख और अच्छी तरह से लागू’ किया जाना चाहिए। इसने धर्मांतरण के मुद्दे पर धर्म की स्वतंत्रता पर भी जोर दिया।
बैठक के बाद बोर्ड के महासचिव मौलाना खालिद सैफ उल्लाह रहमानी की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘बोर्ड की यह बैठक मुसलमानों को यह याद दिलाती है कि मुसलमान का मतलब अपने आपको अल्लाह के हवाले करना है, इसलिए हमें पूरी तरह शरीअत पर अमल करना है।’ संविधान में अपने धर्म पर अमल करने की आजादी, इसमें पर्सनल लॉ शामिल है
बोर्ड ने अपने प्रस्ताव में यह भी कहा कि देश के संविधान में बुनियादी अधिकारों में हर शहरी को अपने धर्म पर अमल करने की आजादी दी गई है, इसमें पर्सनल लॉ शामिल है। इसलिए हुकूमत से अपील है कि वह आम नागरिकों की मजहबी आजादी का भी एहतराम करे और यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को लागू करना अलोकतांत्रिक होगा। उन्होंने सरकार से इस इरादे को छोड़ने की अपील की है।
राज्‍यों के धर्मांतरण कानूनों को बताया निंदनीय
धर्मांतरण को लेकर बनाए गए विभिन्‍न राज्‍यों के कानूनों पर क्षोभ प्रकट करते हुए बोर्ड ने यह भी प्रस्‍ताव पारित किया है कि ‘धर्म का संबंध उसके यकीन से है’, इसलिए किसी भी धर्म को अपनाने का अधिकार एक बुनियादी अधिकार है।

अन्य समाचार