मेरे मीत

मेरे मीत के लिए
एक छोटा सा गीत।
मेरा मन उपवन हर्षाया
तूने नेह मेह बरसाया।
प्रीत की रीत सिखा कर तूने
मेरा जीवन धन अकुलाया।
तूने नेह मेह बरसाया।
बना तू जिस दिन से मेरा मीत
मेरे अधरों पर फूटे गीत
हर रात नई दुल्हन सी
जागी मेरी सोई प्रीत
मीत यह तूने कैसा
स्नेह जाल फैलाया।
तूने नेह मेह बरसाया।
सूखी बगिया थी यह जीवन
तेरी सांसों में उलझा
मेरा यह प्यासा मन
जब तू मंद-मंद मुस्काया
मैंने नूतन जीवन पाया
खिला मेरा मन उपवन
जब तूने नेह मेह बरसाया।
बेला विरदी।

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