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म्यांमार का मलाल …कंगले से करार भारी पड़ा!

पाक से खरीदे जेएफ-१७ फाइटर निकले कबाड़
एजेंसी / नई दिल्ली
पाकिस्तान की कंगाली जगजाहिर है। देश में महंगाई जोरों पर है, वहां के नागरिक एक-एक रोटी के मोहताज हैं। इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार सुधरने का नाम नहीं ले रही है। अब पाकिस्तान की एक और करतूत उजागर हुई है। दरअसल, पाकिस्तान और म्यांमार के बीच साल २०१९ में एक रक्षा सौदा हुआ था। इस सौदे में पाकिस्तान, म्यांमार को जेएफ-१७ थंडर नामक लड़ाकू विमान देने का करार किया था। म्यांमार को कंगले से ये करार भारी पड़ गया है। बता दें कि इस सौदे के अंतर्गत पाकिस्तान ने २०१९ और २०२१ के बीच म्यांमार को कई जेएफ-१७ थंडर लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की। म्यांमार ने जब पाकिस्तान द्वारा दिए गए सभी विमानों का इस्तेमाल किया तो सभी लड़ाकू जेट ऑपरेशन के लिए अयोग्य घोषित हुए।
इस बात के कारण म्यांमार अब पाकिस्तान से नाराज चल रहा है। अब म्यांमार ने सभी लड़ाकू विमान में गड़बड़ी पाए जाने के लिए इस्लामाबाद को एक कड़ा संदेश भेजा है। सूत्रों के अनुसार, म्यांमार को दिए गए विमान उस सौदे का हिस्सा थे, जिस पर बर्मी सैन्य शासन ने २०१६ में पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स और चीन के चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित जेएफ-१७ खरीदने के लिए हस्ताक्षर किए थे। म्यांमार को जैसे ही विमान डिलिवरी की गई उसके तुरंत बाद खराबी और संरचनात्मक खामियों का पता चलने पर बर्मी वायुसेना को विमानों के उपयोग को रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा। अब इस सौदे में शामिल चीन को हस्तक्षेप करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। म्यांमार के चीनी दूत की हालिया नेपीडॉ की यात्रा में सीसीपी के शीर्ष नेतृत्व से जनरल मिन आंग ह्लाइंग को एक संदेश दिया गया है। इसके बाद सैन्य जुंटा ने पाकिस्तान से विमान खरीदने पर किसी भी नई बातचीत में शामिल होने से इनकार कर दिया है। इसी तरह अन्य देशों ने भी पाकिस्तान के साथ जुड़ने के लिए अनिच्छुक रहे हैं। विशेष रूप से चीन ने आज तक अपनी सूची में एक भी जेएफ-१७ को शामिल नहीं किया है।

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