पहले तुम व्यवधान हटाओ।
फिर जो चाहो अकल लगाओ।।
इस विकास के नये मोड़ पर।
रोज स्वदेशी गाना गाओ।।
अपनी मिट्टी अपना मौसम।
अपना बढ़िया देश बनाओ।।
जो भी हमें गुलामी बाँटे।
उसको जल्दी दूर हटाओ।।
कर्ज मुक्त करके भारत को।
भारत माँ का मान बढ़ाओ।।
व्यर्थवाद जो चला हुआ है।
उसकी नैया आज डुबाओ।।
अमन चैन वाले मौसम को।
लाकर बैठो जश्न मनाओ।।
प्यार बाँट कर इस बस्ती को।
सीधे-सीधे स्वर्ग बनाओ।।
वातावरण सुगंधित करके।
खुशहाली की हवा बहाओ।।
इंसानी मजहब के आगे।
हरदम अपना शीश झुकाओ।।
बाकी सारा धर्म छोड़कर।
मानवता को गले लगाओ।।
तुम्हें ऊँचाई छूनी है तो।
शिक्षा को आदर्श बनाओ।
स्वस्थ नियोगी के बलबूते।
अपना भारत भव्य बनाओ।।
कैसे होगा देश सुरक्षित।
इसी मंत्र को जपते जाओ।।
सद्विचार का बिगुल बजाकर।
खुशी-खुशी खुशहाली लाओ।।
पहले तुम व्यवधान हटाओ।
फिर जो चाहो अक्ल लगाओ।।
अन्वेषी