२० हजार करोड़ रुपए खर्च के बावजूद गंगा प्रदूषित
9०९ सवाल के जरिए दागी तोप
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर करारा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में वाराणसी के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अविश्वास जताया है और वह कई चरणों की मतगणना में पीछे रहने के बाद बमुश्किल अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को हरा पाए।
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के सामने उनके संसदीय क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर नौ सवाल रखे और पूछा कि इन पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना पर २०,००० करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद गंगा नदी ‘पहले से भी अधिक प्रदूषित क्यों है? उन्होंने यह भी प्रश्न किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी संसदीय सीट पर ३३ उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज क्यों कर दिए गए। रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘कई दौर की मतगणना में अजय राय से पिछड़ने और किसी तरह जीत हासिल करने में कामयाब होने के कुछ हफ्ते बाद आज ‘एक तिहाई’ प्रधानमंत्री फिर से वाराणसी का दौरा कर रहे हैं। यह वाराणसी के लोगों द्वारा उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जैसा था। ये वाराणसी पर केंद्रित ९ सवाल हैं, जो हमने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान उनसे पूछे थे। हम आज उन्हें फिर से याद दिलाना चाहते हैं।’ प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी सीट पर कांग्रेस के अजय राय को हराया था।
रमेश ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री की नमामि गंगे परियोजना इतनी बुरी तरह विफल क्यों हो गई? २०,००० करोड़ रुपए खर्च करने के बाद गंगा और प्रदूषित क्यों हो गई?’ उन्होंने कहा कि जल शक्ति मंत्रालय का दावा है कि नदी की स्थिति में काफी सुधार हुआ है, लेकिन जैसा कि इस सरकार के मामले में अक्सर होता है, वह दावा भी झूठा निकला। रमेश के अनुसार, ‘संकट मोचन फाउंडेशन’ ने पाया कि सुधार के बजाय, गंगा में पानी की गुणवत्ता वास्तव में लगातार खराब हो रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी पाया कि पानी की गुणवत्ता उनके मानकों के अनुरूप नहीं है।’
उन्होंने लिखा, ‘पिछले साल केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गंगा को भारत की सबसे प्रदूषित नदी घोषित किया था। ऐसे में ‘एक तिहाई’ प्रधानमंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल की शुरुआत में देश के लोगों से किए गए सबसे महत्वपूर्ण वादों में से एक को वैâसे पूरा किया है?’ कांग्रेस नेता ने कहा कि २०२४ के लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी लोकसभा सीट के लिए केवल ७ उम्मीदवारों के नामांकन पत्र स्वीकार किए गए, जबकि २०१९ में २६ और २०१४ में ४२ नामांकन पत्र स्वीकार किए गए थे। उन्होंने दावा किया, ‘जिस दिन प्रधानमंत्री ने अपना नामांकन दाखिल किया था, ३३ अन्य नामांकन खारिज कर दिए गए।’
एक तिहाई’ प्रधानमंत्री अपनी छवि चमकाने के लिए विदेशों में गांधीजी की प्रशंसा करते हैं, जबकि अपने ही देश में गांधीवादी संस्थाओं को नष्ट कर रहे हैं, ऐसा आडंबर क्यों? क्या वह खुले तौर पर इसे स्वीकार कर सकते हैं कि वह गांधी के बजाय गोडसे को मानते हैं?
-जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव