सामना संवाददाता / मुंबई
केंद्रीय बजट में महाराष्ट्र को कम निधि देने के विरोध में राकांपा (शरदचंद्र पवार) की तरफ से बुधवार को विधायक जितेंद्र आव्हाड के मार्गदर्शन में शहर अध्यक्ष सुहास देसाई के नेतृत्व में गाजर आंदोलन किया गया। इस दौरान राकांपा कार्यकर्ताओं ने ‘केंद्र सरकार ने पेश किया बजट, महाराष्ट्र के हाथ में दिया गाजर’ का नारा भी लगाया। साथ ही राज्य सरकार को केंद्र सरकार की कठपुतली भी बताया।
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए देसाई ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में बजट पेश किया, लेकिन इस बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को बड़ा राहत पैकेज दिया गया है। जबकि महाराष्ट्र को कुछ खास नहीं दिया गया है, इसलिए आज हमने ‘गाजर’ आंदोलन किया। इस मौके पर सभी कार्यकर्ता अपने हाथों में ‘गाजर’ लिए हुए थे। देसाई ने कहा कि बजट में साफ दिख रहा है कि केंद्र सरकार महाराष्ट्र से नफरत करने वाली सरकार है। पहले महाराष्ट्र के उद्योगों को भगाकर गुजरात ले जाया गया और अब बजट ने सूपड़ा साफ कर दिया है। दरअसल, महायुति के सांसदों को महाराष्ट्र के लिए लड़ना चाहिए था, लेकिन महायुति के ये सांसद चुप हैं। यदि आंध्र और बिहार को राहत दी जा रही थी तो भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट को महाराष्ट्र के साथ हुए अन्याय के लिए जवाब देने की हिम्मत होनी चाहिए थी। वे ऐसा नहीं कर सकते हैं, क्योंकि वे अब केंद्र सरकार की कठपुतली बन चुके हैं। उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र का दुर्भाग्य है।