– यूपी से लेकर बिहार तक सामने आ रहे मतभेद
सामना संवाददाता / नई दिल्ली
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए में अब दरार दिखने लगी है। भाजपा की नीति से जेडीयू का पतन होने का डर अब नीतीश कुमार को सता रहा है। यही वजह है कि वे आगामी बिहार विधानसभा चुनाव २०२५ में ज्यादा सीटें चाहते हैं। जबकि भाजपा जेडीयू को दबाने की कोशिश में है। ऐसे में बिहार में भाजपा और जेडीयू के बीच शीत युद्ध का संकट बढ़ गया है। कमोबेश यही हाल यूपी के निषाद पार्टी के साथ हो रहा है। दोनों जगहों पर पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की मनमानी के चलते एनडीए का कुनबा टूटने के कगार पर है। बता दें कि भाजपा पर अक्सर यह आरोप लगे हैं कि वह फूट डालकर अपने सहयोगी दलों को दबाती है। उसकी इसी कूटनीति के चलते उसके कई सहयोगी दल उसका साथ छोड़ चुके हैं। महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्यों में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए के कई पुराने सहयोगी उससे अलग हो चुके हैं। बिहार में भी पिछले कई वर्षों से भजापा जेडीयू को दबाते आ रही है लेकिन अब मौके को देखते हुए जेडीयू ने हुंकार भर दी है। केंद्र सरकार की बैसाखी बनी जेडीयू अब बिहार में भाजपा से बदला लेने की तैयारी में है उसी तरह यूपी में भी नाराज निषाद पार्टी भाजपा से नाता तोड़ सकती है।
गलती दोहरा रही बीजेपी
शनिवार से ही डॉ. संजय निषाद दिल्ली में बीजेपी के बड़े नेताओं के चक्कर लगा रहे थे, लेकिन उसका कोई हल नहीं निकला। जेपी नड्डा और सुनील बंसल से मुलाकात कर उन्होंने दो प्रस्ताव रखे थे, जिसे बीजेपी आलाकमान ने ठुकरा दिए। संजय निषाद समझ गए कि प्रदेश संगठन के प्रस्ताव पर बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुहर लगा चुका है। अपनी मांगें, बाजेपी से न मनवा पाने पर हताश निषाद ने भारी आवाज में कहा, ‘बीजेपी संत कबीर नगर वाली गलती दोहरा रही हैं।
बिहार विधानसभा चुनाव में
नीतीश कर सकते हैं बड़ी डिमांड
महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव में व्यस्त भारतीय जनता पार्टी के सामने बिहार में बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है। बिहार में बीजेपी के साथ सरकार चला रही पार्टी जेडीयू ने उसके सामने बड़ी मांग कर दी है। बताया जा रहा है कि जेडीयू २०२५ के चुनाव में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। जानकारी के मुताबिक, बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू इस बार १२५ विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है।