मुख्यपृष्ठस्तंभसुरक्षा के सही मायने समझने होंगे

सुरक्षा के सही मायने समझने होंगे

  • योगेश कुमार सोनी

आज हम राष्ट्रीय स्तर पर ५२वां राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मना रहे हैं। इस अवसर पर देश में मौजूद सरकारी और प्राइवेट संगठनों ने कई कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य हमारे जीवन के विभिन्न समयों में जागरूकता न होने या ध्यान न देने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकना है। सुरक्षा शब्द सुनते ही दिल और दिमाग में एक सकारात्मक संदेश आता है लेकिन कुछ मायनों में इसका अर्थ शून्य नजर आता है, चूंकि हम केवल बातों व कार्यक्रमों तक ही इसके लिए गंभीर होते हैं और इसके बाद लापरवाही स्पष्ट दिखती है। हमारी लापरवाही हम तक ही सीमित नहीं होती। एक व्यक्ति की गलती का भुगतान एक परिवार या दूसरे लोगों को भी भुगतना पड़ता है। उदाहरण के तौर पर एक व्यक्ति शराब पीकर गाड़ी चलाता है तो उसकी वजह से एक्सीडेंट होता है, जिससे उसको और उसके परिवार को क्षति तो पहुंचती ही है, साथ में सामने वाले की जिंदगी भी खतरे में रहती है। इसके अलावा ट्रांसफॉर्मर में कितना हाई वोल्टेज का करंट होता है लेकिन कुछ लोग अपनी जिंदगी को खतरे में डालकर वहां छोटी-सी दुकान लगा लेते हैं और बारिश के दिनों में करंट लगने से उनकी मौत हो जाती है। इन दोनों उदाहरण से एक बात तो तय हो जाती है कि हम कितने लापरवाह हैं और हमें समझाने का क्या कभी कोई फायदा हो सकता है। बहरहाल, ऐसी तमाम बातें हैं समझाने के लिए लेकिन हम बिना डर के कभी कुछ समझने वाले नहीं हैं।
पूर्व में इसे एक दिन के लिए मनाया जाता था लेकिन अब सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा। इस सप्ताह के दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम और औद्योगिक दुर्घटनाओं से बचाव के तरीकों से लोगों को अवगत कराया जाता है। इस पूरे सप्ताह में की जाने वाली प्रत्येक गतिविधि का एकमात्र उद्देश्य लोगों को उनकी सुरक्षा के लिए जागरूक कर उन्हें सुरक्षा के विभिन्न तरीकों से अवगत कराना होता है। इसमें मानव जीवन की सुरक्षा के लिहाज से सभी तरीकों पर गौर किया जाता है। नेशनल सेफ्टी काउंसिल एक स्वशासी निकाय है, जो कि सार्वजनिक सेवा के लिए गैर सरकारी और गैर लाभकारी संगठन के रूप में कार्य करता है। इस संगठन की स्थापना साल १९६६ में मुंबई सोसायटी अधिनियम के तहत हुई थी, जिसमें पहली बार में ही ८,००० सदस्य शामिल हुए थे। इसके बाद साल १९७२ में इस संगठन द्वारा नेशनल सेफ्टी दिवस मनाने का निर्णय लिया गया और इसके बाद बहुत ही जल्द इसे नेशनल सेफ्टी डे की जगह नेशनल सेफ्टी सप्ताह के रूप में मनाया जाने लगा। चूंकि पूरे वर्ष में मात्र एक ही दिन में इतनी बड़ी जनसंख्या वाले देश में किसी भी बात का एहसास कराना बेहद कठिन अर्थात नामुमकिन सा हो जाता है। नेशनल सेफ्टी दिवस या राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान पूरे एक सप्ताह तक चलने वाला अभियान है। यह महत्वपूर्ण दिवस हर साल ४ मार्च को पूरे भारत देश में मनाया जाता है। यह दिवस उन सभी बलिदानियों को समर्पित है, जिन्होंने अपनी जान देकर भी देश की सुरक्षा की।

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक मामलों के जानकार हैं।)

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