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नेहरू का नाम, देश का ध्यान भटकाने का काम! …‘विफलताओं’ पर पूरी तरह चुप्पी साध लेते हैं मोदी -जयराम रमेश का पीएम पर पलटवार

-न्यूनतम लोकतांत्रिक शासन प्रधानमंत्री के कार्य का मॉडल

सामना संवाददाता / नई दिल्ली
कांग्रेस ने कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू को बदनाम करना और न्यूनतम लोकतांत्रिक शासन उनका मॉडल है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी बस नेहरू के बारे में सोचते रहते हैं और अपनी विफलताओं व वर्तमान चुनौतियों से राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए उनका हवाला देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी विफलताओं पर पूरी तरह चुप्पी साधे रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने एक दिन पहले ‘भारत के संविधान की ७५ वर्ष की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधा था। कांग्रेस नेता ने पूछा कि प्रधानमंत्री नेहरू के बिना क्या करेंगे, जिनके बारे में वह हमेशा सोचते रहते हैं? उन्होंने कहा कि अपनी विफलताओं से राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए नेहरू जरूरी हैं। जिन वर्तमान चुनौतियों पर वे (मोदी) पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं, उनसे राष्ट्र का ध्यान भटकाने के लिए नेहरू आवश्यक हैं। रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘कल लोकसभा में संबोधन में, प्रधानमंत्री ने भारत के संविधान में पहले संशोधन को लेकर नेहरू पर हमला बोला, जो १८ जून, १९५१ को हुआ था। रमेश ने कहा कि नेहरू, राजगोपालचारी और आंबेडकर की सदस्यता वाली प्रवर समिति ने संशोधन विधेयक की विस्तार से समीक्षा की, नेहरू ने अपने आलोचकों की बात सुनी और अपना रुख बदला। उन्होंने कहा कि इससे पहले तीन जुलाई, १९५० को सरदार पटेल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता के बारे में नेहरू को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे लोगों के प्रति निराशा व्यक्त की थी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यह संशोधन तीन कारणों से किया गया। उन्होंने कहा कि पहला, सबसे संवेदनशील समय में सांप्रदायिकता दुष्प्रचार से निपटना। दूसरा, जमींदारी उन्मूलन कानूनों की रक्षा, जिन्हें अदालतें खारिज कर रही थीं। तीसरा, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और ओबीसी के लिए शिक्षा व रोजगार में आरक्षण की रक्षा, जिसे अदालतें नकार रही थीं।

मोदी या उनके समर्थकों से उम्मीद करना बेमानी
रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘ग्रैनविले ऑस्टिन की पुस्तक वर्विंâग ए डेमोक्रेटिक कॉन्सिटट्यूशन में १९८० तक किए गए संशोधनों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया है। संपूर्ण राजनीति विज्ञान में एम.ए. करनेवाले (मोदी) या उनके समर्थकों से यह उम्मीद करना बेमानी है कि वे इसे पढ़ेंगे?’ प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सत्ता के लालच में संविधान को बार-बार ‘लहूलुहान’ किया, जबकि २०१४ में आई उनकी सरकार की नीतियों और पैâसलों का उद्देश्य संविधान की दृष्टि के अनुरूप भारत की ताकत और एकता को बढ़ावा देना है।

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