कभी आए ऐसी ईद

हम सब को है उम्मीद
कभी आए ऐसी ईद
अर्श और फर्श दोनों पर
हमको मिले चांद की दीद
मोहब्बतें बिछी हों हर सफ
हर शेय हो प्यार की मुरीद
फर्क हम सब में है बेशक
ये फर्क ही तो है फरीद
अपना के हर फर्क को
दिल से कहें खुशामदीद।

-नूरुस्सबा शायान

नई मुंबई

अन्य समाचार