– कुछ महीनों में पैदा करेगा कई लहर
सामना संवाददाता / मुंबई
कोरोना का नया वैरिएंट अमेरिका समेत दुनिया के २७ देशों में खतरा बनकर पैâल गया है। जून महीने में जर्मनी में पाए गए एक्सईसी वैरिएंट के मरीज दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले कुछ हफ्तों या महीनों में यह वैरिएंट कोरोना वायरस की नई लहर पैदा कर सकता है। स्क्रिप्स रिसर्च के आउटब्रेक डॉट इन्फो पेज पर पांच सितंबर को दी गई जानकारी के मुताबिक अमेरिका के १२ राज्यों और १५ देशों में इस वैरिएंट के ९५ मरीज पाए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के डाटा इंटिग्रेशन स्पेशलिस्ट माइक हनी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि यूरोप, नॉर्थ अमेरिका और एशिया के करीब २७ देशों में इस नए वैरिएंट के १०० से ज्यादा मरीजों की पहचान की जा चुकी है। माइक हनी ने आशंका जताई है कि आने वाले दिनों में यह वैरिएंट ओमीक्रॉन के केपी.३ की तरह चुनौती बन सकता है।
केपी.३ स्ट्रेन के बढ़ने लगे मरीज
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की मानें तो यहां सितंबर महीने की शुरुआती में दो हफ्तों में ओमायक्रॉन वैरिएंट का केपी.३.१.१ स्ट्रेन हावी रहा है। १ से १४ सितंबर के बीच अमेरिका में इस वैरिएंट के करीब ५२.७ फीसदी मरीज पाए गए हैं, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि जितनी तेजी से एक्सईसी वैरिएंट पैâल रहा है, वह जल्द ही केपी.३ वेरिएंट के बाद दूसरा बड़ा खतरा हो सकता है। जानकारी के मुताबिक जर्मनी, डेनमार्क, ब्रिटेन और नीदरलैंद में एक्सईसी वैरिएंट के केस तेजी से बढ़ रहे हैं।
एक्सईसी वैरिएंट के लक्षण
स्क्रिप्स रिसर्च के अनुसार, इस वैरिएंट के लक्षण में बुखार और सर्दी शामिल हैं। इसमें तेज बुखार आना, शरीर में दर्द, थकान, खांसी और गले में खरास लक्षण हैं। इसके अलावा सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द, स्वाद और सुगंध का पता न चलना, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं। कोरोना वायरस से ग्रसित ज्यादातर लोग कुछ ही हफ्तों में ठीक महसूस करने लगते हैं, लेकिन इस वैरिएंट से संक्रमित मरीज को ठीक होने में ज्यादा समय लगता है।
महाराष्ट्र में हुई थी वैरिएंट की पुष्टि
डाटा स्पेशलिस्ट माइक हनी के मुताबिक सबसे पहले हिंदुस्थान के महाराष्ट्र में इस वैरिएंट की पुष्टि हुई थी, इसके बाद अमेरिका समेत ९ अन्य देशों में एक्सईसी (एमवी.१) वैरिएंट के मरीज पाए गए। वहीं चीन, यूक्रेन, पोलैंड और नॉर्वे में भी मरीजों में इस वैरिएंट की पुष्टि की जा चुकी है।