धूम्रपान आपकी उम्र तेजी से घटाता है। सिगरेट पीने वाला व्यक्ति हर ८ दिन बाद अपनी उम्र का एक दिन कम कर लेता है। धूम्रपान करने वाले की दिल की नसें सख्त होकर लचीलापन खत्म देती हैं। सिगरेट बीड़ी या तंबाकू का किसी भी रूप में सेवन करने वाले को कैंसर, दिल का दौरा पड़ना, उच्च रक्तचाप होना, अल्सर होना बहुत सामान्य बात है। सिगरेट पीने से २५ से भी ज्यादा जानलेवा बीमारियां हो सकती हैं। लंबे समय तक सिगरेट पीनेवाले हर दो में से एक की मौत तंबाकू की वजह से होती है।
सिगरेट के धुएं में टार होता है, जिसमें ४ हजार से ज्यादा रसायन होते हैं। इनमें से ४३ ऐसे होते हैं जिनसे कैंसर हो सकता है। सिगरेट के धुएं में नाइट्रोजन ऑक्साइड और कार्बन मोनोक्साइड भी होती हैं, ये दोनों ही जहरीली गैसें हैं। धुएं में सबसे ज्यादा मात्रा में होता है निकोटिन, जिसकी लत लोगों को अपना गुलाम बना लेती है। यह पुरुषों में नपुंसकता बढ़ाती है। चेहरे पर वक्त से पहले ही झुर्रियां पड़ने लगती हैं और त्वचा रोग हो जाते हैं। जो सिगरेट पीते हैं, उनके बच्चों को निमोनिया या दमे की बीमारी हो सकती है। गर्भवती स्त्रियां सिगरेट पीकर अपने गर्भ में पल रहे बच्चे की जान को खतरे में डाल देती हैं। इसके धुएं के विषैले रसायन उसके खून के जरिए बच्चे तक पहुंचते रहते हैं। नतीजा-गर्भ गिरना, बच्चा मरा हुआ पैदा होना या पैदा होने के कुछ ही समय बाद मर जाना। सिगरेट छोड़ने के १२ घंटे बाद शरीर में कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर घटता है और तब जाकर ऑक्सीजन अपने सही स्तर पर लौटता है।
मान लीजिए कि आप बरसों से सिगरेट पीते आए हैं, लेकिन जब आप इसे छोड़ते हैं तो क्या होता है? आखिरी सिगरेट पीने के २० मिनट के अंदर ही ब्लड-प्रेशर नॉरमल हो जाता है। सिगरेट छोड़ने के ३ दिन बाद अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट वापस सामान्य होने लगता है और सांस लेना ज्यादा आसान हो जाता है, शरीर निकोटीन मुक्त हो जाता है। एक हफ्ते बाद आपके शरीर से सारा निकोटिन साफ होकर निकल जाता है। एक महीने बाद आपकी खांसी, सिर का भारीपन और साइनस की तकलीफ, थकान और सांस लेने की तकलीफ कम होने लगती है। ५ साल के बाद फेफड़ों के कैंसर से आपके मरने का खतरा आधा हो जाएगा।
१५ साल बाद दिल का दौरा पड़ने का खतरा उतना ही कम हो जाएगा जितना कि किसी सिगरेट न पीनेवाले को होता है। सिगरेट पीना छोड़ने के कुछ महीने बाद शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ता है। फेफड़ों की ऑक्सीजन सोखने की क्षमता भी ३० फीसदी बढ़ती है। फेफड़ों की सतह पर जो महीन रोएं बाहरी धूल और अन्य हानिकारक कणों को रोकते हैं, वे फिर से विकसित होने लगते हैं। खाने का स्वाद अच्छा लगने लगता है। आपकी उम्र भी बढ़ जाती है। सिगरेट छोड़ चुके व्यक्ति में एक साल के अंदर हार्ट अटैक का खतरा ५० फीसदी घट जाता है। १० साल बाद फेफड़े के कैंसर का खतरा सिगरेट पीने वाले के मुकाबले आधा रह जाता है।
वर्ल्ड बैंक का अनुमान है कि सिगरेट पीने से होनेवाली बीमारियों के इलाज पर हर साल दो खरब डॉलर खर्च होते हैं। लेकिन यह आंकड़े उस दर्द और तकलीफ का बयान नहीं करते जो इन बीमारियों की वजह से होती है। आप एक दिन में सिगरेट पर जितना खर्च करते हैं उसे ३६५ से गुना कीजिए। इससे आपको पता लग जाएगा कि एक साल में आप सिगरेट पर कितना खर्च करते हैं। अगर इसी गिनती को आप १० से गुना करें तो आप जान सकते हैं कि अगले १० सालों तक आप सिगरेट पर कितने पैसे खर्च कर चुके होंगे। इसलिए यदि आप लंबी उम्र और खुशियों भरी जिंदगी चाहते हैं तो इस नव वर्ष में सिगरेट छोड़ने का संकल्प कर ही लें।
-शीतल अवस्थी