शीतल अवस्थी
अक्सर ऐसा ही होता है, जो चीज खाने में अच्छी नहीं लगती है वो गुणों से भरपूर होती है। अंकुरित आहार तो फिर भी स्वादिष्ट होता है। अंकुरित भोजन शारीरिक, मानसिक एवं अध्यात्मिक संतुलन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। अंकुरित आहार न सिर्फ हमें उन्नत रोग प्रतिरोधी व उर्जावान बनाता है बल्कि शरीर का आंतरिक शुद्धिकरण कर रोगमुक्त भी करता है।
अंकुरित भोजन भूख बढ़ाने वाला, शरीर के जहरीले तत्व निकालने वाला मूत्रर्वधक होता है। अंकुरित भोजन फिर से जवान बनाने वाला भोजन है, जो मनुष्य को सुंदर, स्वस्थ और रोग से छुटकारा दिलाता है। यह पोषक तत्वों का श्रोत है। अंकुरित भोजन पेट से गैस व कब्ज को दूर करता है। इसलिए अंकुरित भोजन अपनाएं। आप गेंहू, मूंग, मोठ, सोयाबीन, मूंगफली, मक्का, तिल, दालें और बीज आदि अंकुरित किए जा सकते हैं। ज्वार, बाजरा, मूंग, मोठ, चवली, काला चना, काबुली चना, सोयाबीन आदि को आसानी से अंकुरित कर इनसे विभिन्न स्वादिष्ट एवं पौष्टिक व्यंजन बनाए जा सकते हैं। दालों में सबसे पौष्टिक दाल, मूंग की होती है, इसमें विटामिन ए, बी, सी और ई की भरपूर मात्रा होती है। साथ ही पौटेशियम, आयरन, कैल्शियम की मात्रा भी मूंग में बहुत होती है। इसके सेवन से शरीर में कैलोरी भी बहुत नहीं बढ़ती है। अगर अंकुरित मूंग दाल खाएं तो शरीर में कुल ३० कैलोरी और १ ग्राम फैट ही पहुंचता है। अंकुरित खाद्यान्नों को कच्चा ही नमक, काली मिर्च, नीबू अथवा सलाद मसाला के साथ सेवन किया जा सकता है। आधे पके रूप में किसे हुए प्याज, पत्तागोभी, टमाटर, ककड़ी व गाजर के साथ पौष्टिक सलाद भी बनाया जा सकता है। अंकुरित मूंग में मैग्नीशियम, कॉपर, फोलेट, राइबोफ्लेविन, विटामिन, विटामिन सी, फाइबर, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, विटामिन बी -६, नियासिन, थायमिन और प्रोटीन होता है। अंकुरित मूंग में ग्लूकोज लेवल बहुत कम होता है इस वजह से मधुमेह रोगी इसे खा सकते हैं। कैंसर रोगी भी इसका सेवन कर सकते हैं। यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर बीमारियों से लड़ने की ताकत देती है। इसमें एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफलामेट्री गुण होते हैं जो शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। इसमें शरीर के टॉक्सिक को निकालने के गुण होते हैं। इससे पाचन क्रिया हमेशा सही बनी रहती है जिसके कारण पेट संबंधी समस्या नहीं होती। अंकुरित मूंग में साइट्रोजेन होता है जो शरीर में कोलेजन और एलास्टिन बनाए रखता है जिससे उम्र का असर, जल्दी ही चेहरे पर दिखाई नहीं देता है। फाइबर से भरपूर अंकुरित मूंग बीपी को संतुलित रखती है और शरीर को फिट बनाएं रखने में कारगर होती है। अगर आप शाकाहारी हैं तो इसका सेवन अवश्य करें। यह शरीर में आवश्यक तत्वों की कमी हो पूरी करता है और शरीर को मजबूत बनाती है। इससे बेहतर शाकाहारी खाद्य सामग्री कोई नहीं होती है। ख़ड़े अनाजों व दालों के अंकुरण से उनमें मौजूद अनेक पोषक तत्वों की मात्रा दोगुनी से भी ज्यादा हो जाती है, मसलन सूखे बीजों में विटामिन ‘सी’ की मात्रा लगभग नहीं के बराबर होती है। इन बीजों के अंकुरित होने पर यही मात्रा लगभग दस गुना हो जाती है। इसलिए संकल्प लें कि इस वर्ष से अंकुरित अनाज रूपी पौष्टिक आहार खाएंगे, क्योंकि अंकुरित आहार ही अमृताहार है। यह आहार भोजन की सप्राण खाद्यों की श्रेणी में आता है। अंकुरित आहार अनाज या दालों के वे बीज होते जिनमें अंकुर निकल आता हैं इन बीजों की अंकुरण की प्रक्रिया से इनमें रोग मुक्ति एवं नव जीवन प्रदान करने के गुण प्राकृतिक रूप से आ जाते हैं।