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`डी’ कंपनी की फेक करंसी पर एनआईए की रेड… हथियार और कागजात जब्त

सामना संवाददाता / मुंबई  
जाली नोट के कारोबार में लिप्त डी कंपनी के छह ठिकानों पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने  छापेमारी करते हुए हथियार और आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। एनआईए ने  अपने बयान में कहा है कि जाली नोट बांटे जाने में प्रथम दृष्टया ‘डी कंपनी’ की भूमिका साबित हुई है। ठाणे पुलिस की क्राइम ब्रांच ने नवंबर २०२१ में २.९८ लाख रुपए मूल्य की फेक करंसी जब्त की थी। यह पैसा दाऊद के माध्यम से ही बाजार में चलाने के लिए भेजा गया था।
बता दें कि एनआईए की मुंबई टीम ने वर्ष २०२१ में ठाणे क्राइम ब्रांच द्वारा जब्त किए गए दो हजार के लगभग तीन लाख नोटों के मामले की जांच कर रही थी। इसमें दाऊद गिरोह से जुड़े कुछ लोगों के नाम और ठिकानों का पता चला था। जिसके बाद बुधवार शाम को एक साथ छह ठिकानों पर छापे मारे गए थे, जिसमें आरोपियों और संदिग्धों के घर और कार्यालय शामिल हैं। बयान में कहा गया कि जब्त की गयी सामग्री में धारदार हथियार, डिजिटल उपकरण और दस्तावेज वगैरह शामिल हैं। इसमें कहा गया कि यह सामग्री फेक करेंसी से जुड़े गिरोह से डी-कंपनी के सीधे तार जुड़े होने की बात साबित करता है।
जांच में मिली दाऊद कंपनी की लिंक
एनआईए की तरफ से बताया गया है कि महाराष्ट्र के ठाणे के नौपाड़ा पुलिस स्टेशन में १८ नवंबर, २०२१ को दर्ज मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उन्हें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया। आरोपियों की पहचान रियाज और नासिर के रूप में हुई थी। दोनों मुंबई के रहने वाले हैं और इस समय न्यायिक हिरासत में हैं। ठाणे पुलिस ने तलाशी ली थी और आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था। इस मामले में एनआईए ने जांच संभाली और ७ फरवरी, २०२३ को मामला पुन: दर्ज किया था। बयान के मुताबिक एनआईए ने मामले में अपनी जांच के तहत बुधवार को आरोपियों और संदिग्धों की अनेक संपत्तियों पर छापे मारे थे। जिसमें कई सबूत उनके हाथ लगे हैं, जिनके आधार पर एनआईए ने जांच आगे बढ़ाई है। इस मामले में दाऊद से जुड़े कुछ और लोगों के नाम सामने आए हैं। एनआईए उन पर जल्द कार्रवाई शुरू कर सकती है।

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