सामना संवाददाता / ओटावा
क्या आप भी नाइट शिफ्ट में काम करते हैं? अगर हां, तो यह आपके लिए एक बुरी खबर है। जी हां, हाल में एक नई स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इस शोध में यह कहा गया है कि जो लोग रात में काम करते हैं या फिर नाइट वर्क करते हैं उनकी याददाश्त जल्दी जाने की संभावना ज्यादा रहती है। यही नहीं शोध में यह भी पाया गया है कि नाइट शिफ्ट और कॉग्निटिव इंपेयरमेंट के बीच एक गहरा संबंध है। रिसर्चर्स के मुताबिक, मेमोरी लॉस के अलावा इन लोगों को कॉग्निटिव इंपेयरमेंट की परेशानी भी झेलनी पड़ सकती है।
कनाडा के यॉर्क यूनिवर्सिटी में हुए एक रिसर्च से यह पता चला है कि जो लोग रात में काम करते हैं उन में मेमोरी लॉस का रिस्क बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इससे उनकी याददाश्त भी जल्दी जा सकती है और उनके ब्रेन पर भी बुरा असर पड़ सकता है। शोध में यह भी कहा गया है कि इस कारण लोगों के बिहेवियर में भी बदलाव देखने को मिल सकते है।
बता दें कि इस स्टडी में कुल ४७,८११ लोगों को शामिल किया गया था और काफी दिन तक रिसर्च करने के बाद यह खुलासा किया गया है। शोध में यह खुलासा हुआ है कि इस तरह से शिफ्ट करने वाले मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग लोगों में यह खतरा देखा जा सकता है। स्टडी में ऐसा इसलिए कहा गया है क्योंकि इस तरह से नाइट शिफ्ट में काम करने वालों में संज्ञानात्मक हानि की दर ७९ प्रतिशत ज्यादा होती है। यही नहीं रिसर्च में यह भी कहा गया है कि इस तरह से नाइट शिफ्ट करने से ओवरटाइम करने वालों पर भी इसका असर पड़ता है और इससे उन में भी उनकी याददाश्त जाने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।