सामना संवाददाता / मुंबई
नीति आयोग की ‘अनिति’ का परिणाम यह है कि महाराष्ट्र की मुंबई-ठाणे, नासिक और पुणे की योजनाओं को दुर्लक्ष किया गया है। इसी का परिणाम है कि नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उक्त योजनाओं को पूरा करने के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाने को मजबूर होना पड़ा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने नीति आयोग की बैठक में महाराष्ट्र की बुनियादी ढांचे के लिए मदद की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने नासिक-पुणे रेलवे मार्ग, चिपलूण कराड, ठाणे मेट्रो, मुंबई टनल जोन के विकास और परियोजनाओं को समय सीमा के अंदर पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से मदद की अपील की है।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित नीति आयोग की बैठक में महाराष्ट्र सरकार द्वारा आम आदमी को केंद्र में रखकर शुरू की गई विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने राज्य में बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को भी रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्लस्टर विकास के माध्यम से, मुंबई महानगर क्षेत्र और राज्य के अन्य भागों में पुरानी और जर्जर इमारतों से संबंधित पुनर्विकास योजनाओं को बड़े पैमाने पर शुरू किया गया है, उन्होंने कहा कि संपूर्ण एशियाई क्षेत्र में यह सबसे बड़ी ब्राउन फील्ड परियोजना है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना निश्चित रूप से आम लोगों की जीवन शैली को ऊपर उठाने में सहायक होगी। यह कहते हुए कि मुंबई में झुग्गी-झोपड़ियों और जर्जर इमारतों का पुनर्विकास राज्य सरकार की एजेंसियों की सहायता से किया जाएगा, राज्य में दो लाख से अधिक घरों के निर्माण की प्रक्रिया प्रगति पथ पर है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में बड़ी सड़क परियोजनाओं में तेजी से सुधार हो रहा है और कोंकण तटीय सड़क और कोंकण ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे कोकण के लिए ‘गेम चेंजर’ सिद्ध होंगे। मुंबई महानगर क्षेत्र में १.२५ लाख करोड़ रुपए की लागत से ३९० किलोमीटर लंबे मेट्रो रूट के निर्माण कार्य के लिए भी मदद की अपील की।