मुख्यपृष्ठस्तंभनिवेश गुरु: बिजनेस-निवेश से ही भविष्य होगा बेहतर

निवेश गुरु: बिजनेस-निवेश से ही भविष्य होगा बेहतर

बिजनेस पर मेरे लगातार मोटिवेशन संदेश के अलावा बिजनेस इन्वेस्टमेंट के बारे में हर बार बात करना कुछ लोगों को यह जरूर लगता होगा कि यह मेरा बिजनेस है, इसलिए बार-बार बिजनेस प्रमोशन की बात करता हूं। बात सिर्फ मेरे अकेले के बिजनेस की नहीं है, यह बात तो हम सबकी एक अति आवश्यक जरूरत की है।
पैसा हर व्यक्ति और परिवार की जरूरत है। आज पैसे की हर पल जरूरत पड़ती है, बिना पैसों के आप घर से बाहर कदम भी नहीं रख सकते हैं। खाली जेब आप न तो घर में रह सकते हैं और न ही घर से बाहर जा सकते हैं। घर में रहते हुए भीr हजारों रुपए की जरूरत पड़ती है। ऑनलाइन का जमाना है तो घर से बाहर गए बिना ही ग्रॉसरी, मेडिसिन, वस्त्र एवं फर्नीचर आदि तमाम वस्तुओं की खरीददारी हो जाती है, पर इन वस्तुओं को खरीदने के लिए बैंक खाते में पैसे भी होने जरूरी है। बैंक अकाउंट में पैसों की आवक के लिए बिजनेस से अच्छा कोई और स्रोत हो ही नहीं सकता है। बिजनेस फिर किसी का भी हो, आपका हो, मेरा हो अथवा टाटा-बिरला या अंबानी का हो, पैसा तो बिजनेस से ही आता है। पैसा अगर बनता है तो बिजनेस में ही बनता है। फिर चाहे वह किसान की खेती हो या गोदरेज का कारखाना, सब बिजनेस ही है। मेरी नजरों में तो सरकार भी ढेर सारे बिजनेस करती है, कई बार सरकार खर्च करते हुए दिखाई देती है, लेकिन वह लॉन्ग टर्म में बिजनेस-निवेश साबित होता है। जैसे कि सरकार किसी इलाके में जल नियोजन के लिए बांध-निर्माण करती है तो बांध बन जाने पर बिजनेस के सैकड़ों नए द्वार खुलते हैं। ठीक इसी तरह सड़क, बिजली और मकान आदि बनाने पर सरकार का रेवेन्यू बढ़ता है। भारत से लेकर विश्व स्तर पर देखा जाए तो चारों तरफ बिजनेस और बिजनेस का ही बोलबाला है। बिजनेस के बिना यह दुनिया वीरान सी दिखाई देगी। नौकरी करनेवाले लोग भी कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी कंपनी संस्थान अथवा सरकार में रहकर बिजनेस ही तो कर रहे हैं फिर चाहे उस बिजनेस पर मालिकाना हक सरकार का होगा या फिर किसी व्यावसायिक घराने की हिस्सेदारी हो।
बिजनेस में भागीदारी, हिस्सेदारी, शेयर्स, स्टॉकहोल्डिंग आदि, यह सब शब्दों का जाल ही है। असल में तो हम सब बिजनेस के महाजंजाल से घिरे हुए हैं। प्रतिदिन हर पल कोई-न-कोई कंपनी अथवा सरकार के उत्पाद का उपयोग तो कर ही रहे हैं, इन तमाम उत्पादों का उपयोग कर इन कंपनियों को बड़ा बनाने में भी आप योगदान तो कर ही रहे हैं। अब यह आपके अपने विवेक पर निर्भर करता है कि आप अपने योगदान के साथ इन बिजनेस कंपनियों में पार्टिसिपेट वैâसे कर सकते हैं। आपके योगदान से इन कंपनियों को तो फायदा होता रहेगा, लेकिन यदि आपने इनके साथ स्टेक पार्टिसिपेट यानी पार्टनरशिप किया तो इन बिजनेस कंपनियों के साथ आपका भी भविष्य बेहतर साबित होगा।

भरत कुमार सोलंकी
(लेखक आर्थिक निवेश मामलों के विशेषज्ञ हैं)

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