भरत कुमार सोलंकी
शहरों में रहनेवालों ने अस्पताल के खर्चों से बचने के लिए मेडिक्लेम बीमा ले रखा है, जिसका प्रीमियम हर एक-दो साल में बढ़ता ही जा रहा है। अगर मेडिक्लेम नहीं है और परिवार में किसी के लिए अस्पताल का बिल लाखों रुपयों में आ गया तो सोना, एफडी, म्युचुअल फंडस, शेयर्स आदि एसेट बेचना पड़ेगा या कर्ज लेकर बिल चुकाना पड़ेगा। ऐसा कोई भी एसेट न तोड़ना पड़े इसलिए लोग मेडिक्लेम प्रीमियम भरते हैं। मेडिक्लेम नहीं है तो मजबूरी में उधार-कर्ज लेकर इलाज तो करवाना ही पड़ता है। कर्ज-किस्तें भरने में कमर टूट जाए तो खड़े होना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मेडिक्लेम बीमा प्रीमियम देकर, थोड़ी राहत महसूस कर, थोड़ी देर के लिए चिंतामुक्त जरूर हो सकते हैं।
फिर भी कहीं-न-कहीं हम सब डर के माहौल में ही जी रहे हैं और इसी डर के कारण बेहोशी में भी जी रहे हैं, जिसके चलते कोई भी आपको थोड़ा-सा भी डरा ले तो फिर आप बिलकुल वैसा ही करेंगे जैसा डराने वाला चाहता है। किसी व्यक्ति को डराना आसान है। हेल्थ एडवाइजर आपको डराता है तो आप बीमा खरीद लेते हैं लेकिन डॉक्टर जब डराता है तो आप मेडिक्लेम के फायदे-नुकसान को भूल जाते हैं।
बीमाधारकों में जागरूकता की कमी के कारण आपका मेडिक्लेम पॉलिसी प्रीमियम हर दो-एक साल में बढ़ता जा रहा है। पॉलिसी लेते समय हम एडवाइजर से यह जरूर पूछते हैं कि कितने हॉस्पिटल इस बीमा कंपनी की वैâशलेस नेटवर्क लिस्ट में हैं लेकिन यही बात हॉस्पिटल में भर्ती होते समय आप भूल जाते हैं और पहुंच जाते हैं नॉन वैâशलेस हॉस्पिटल में, यहीं से आपकी लूट शुरू हो जाती है। अब हॉस्पिटल वालों से नेगोशिएशन करने की हिम्मत तो किसी में है ही नहीं। जितना मर्जी बिल बनाकर वो आपसे पैसे वसूल लेते हैं, फिर चाहे आपको बीमा कंपनी कम-ज्यादा जो भी दे, आप जानो और आपकी बीमा कंपनी जाने। बीमा कंपनी को भी कई बार पॉलिसी और बिल के अनुसार भुगतान करना पड़ता है। भुगतान में डिडक्शन कर लें तो आप कोर्ट जाकर भी बीमा कंपनी से पैसा वसूल सकते हैं लेकिन हॉस्पिटल पर कोई यह दावा नहीं कर सकता है कि मुझे मेडिक्लेम कंपनी ने पैसा कम क्यों दिया?
बीमा कंपनियों को भी कर्मचारियों की सैलरी, कमीशन, किराया और मेडिक्लेम दावों का भुगतान आदि के बाद आखिर में स्टेकहॉल्डर्स को मुनाफा दिखाना पड़ता है। ऐसे हालात में वे अपने ग्राहकों की बीमा प्रीमियम राशि बढ़ाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। आपको अपनी मेडिक्लेम पॉलिसी प्रीमियम बढ़ने से रोकना है तो थोड़ी-सी जागरूकता का परिचय देना होगा, आपको हर बार बीमा कंपनी के वैâशलेस नेटवर्क हॉस्पिटल का ही चुनाव करना होगा।
वैâशलेस नेटवर्क हॉस्पिटल के साथ प्रत्येक बीमारी के इलाज का एक पैकेज एमओयू साइन किया रहता है, जिसके चलते बीमाधारक को एक रुपए का भी भुगतान किए बिना टोटल ट्रीटमेंट प्रâी मिल सकता है। मेडिक्लेम बीमा का उद्देश्य सिर्फ आपके एसेट को प्रोटेक्ट करना है, इससे आपको कोई नफा-नुकसान जैसा बेनिफिट नहीं है। यह बीमा सिर्फ हॉस्पिटल वालों के लिए ही है और उसका प्रीमियम हर बार ज्यादा भरना पड़े तो आपका ही नुकसान है। आपकी थोड़ी सी जागरूकता आपकी प्रीमियम राशि को कम कर सकता है।
(लेखक आर्थिक निवेश मामलों के विशेषज्ञ हैं)