वर्तमान समय में इंसान भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल के बीच दिन-रात काम कर रहा है। मेडिकल, कॉल सेंटर्स जैसी कुछ सर्विस ऐसी भी हैं, जहां २४ घंटे काम करना होता है। कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनकी पूरे साल नाइट शिफ्ट होती है। अब महिलाओं को नाइट शिफ्ट के काम को न बोलना पड़ेगा, क्योंकि इससे महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
दरअसल, हाल ही में एक रिसर्च सामने आई है। जामा जर्नल के मुताबिक, नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं को दूसरी महिलाओं के मुकाबले ब्रेस्ट कैंसरका खतरा ३ गुना ज्यादा होता है। इस रिसर्च के मुताबिक २४ घंटे की बॉडी क्लॉक में प्रॉब्लम के कारण कैंसर के सेल्स बनने लगते हैं। शरीर में कैंसर की गांठ बनने लगती है।
रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर सुदर्शन डे के मुताबिक, महिलाओं के शरीर में सबसे पहले मेलाटोनिन का लेवल बढ़ने लगता है। यह एक तरह का हार्मोन है, जो रात में सोने से बनता है। अगर कोई व्यक्ति रात में नहीं सोता है तो उसके अंदर नहीं बनता है, जो बाद में कैंसर का कारण बनता है, क्योंकि यह हार्मोन शरीर में कैंसर को रोकने का काम करता है। इसकी वजह से शरीर में वैंâसर के सेल्स नहीं बनते हैं। साथ ही ये हार्मोन ट्यूमर के विकास में जीन को भी शामिल करता है। रिसर्च के मुताबिक, रात में जागना और स्मोकिंग करने से भी कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है, इसलिए अक्सर लोग नाइट शिफ्ट में काम करना पसंद नहीं कर रहे हैं। रात में स्मोकिंग करते हैं, ताकि नींद न आए। ज्यादा स्मोकिंग करने से शरीर में कैंसर के सेल्स बढ़ने लगते हैं। स्मोकिंग करने से कैंसर का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है।