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खाद्य महंगाई से अभी राहत नहीं! … आरबीआई ने दिया संकेत

सामना संवाददाता / नई दिल्ली 
पहले से ही महंगाई के बोझ तले दबे लोगों को एक और झटका लगा है। भारतीय रिजर्व बैंक का कहना है कि खाद्य महंगाई से आने वाले दिनों में जल्द राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। घरेलू महंगाई की उम्मीदें बढ़ती जा रही हैं ऐसे में मॉनिटरी पॉलिसी को खाद्य वस्तुओं की कीमतों के दबाव से संभावित प्रभावों को ध्यान में रखते हुए सतर्क रहना होगा। बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ने ६-८ अगस्त २०२४ को हुए ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी बैठक के मिनट्स जारी किए हैं। इसके मुताबिक, जुलाई में खाद्य वस्तुओं में तेजी देखने को मिली है। बेस इफेक्ट्स के चलते दूसरी तिमाही में सीपीआई इंफ्लेशन में कमी आ सकती है लेकिन तीसरी तिमाही में महंगाई बढ़ सकती है। असमान मौसम से खाद्य महंगाई का जोखिम बना हुआ है। वैश्विक तनाव के चलते कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी से कोर इंफ्लेशन बढ़ सकता है। घरेलू महंगाई की उम्मीदों में उछाल देखा जा रहा है और उपभोक्ताओं का भरोसा घटा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि जुलाई और वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में हेडलाइन इंफ्लेशन कम रह सकता है, लेकिन खाद्य महंगाई कम होती नजर नहीं आ रही है। घरेलू महंगाई की उम्मीदें बढ़ी हुई हैं ऐसे में मॉनिटरी पॉलिसी को बेहद सजग रहना होगा, जिससे खाद्य महंगाई का असर दूसरे कॉम्पोनेंट्स पर ना पड़े। उन्होंने उम्मीद जताई कि अच्छे मानसून और खरीफ फसलों की बुआई बढ़ने, जलाशयों के स्तर बढ़ने और रबी सीजन के बेहतर आउटपुट के चलते खाद्य महंगाई में कमी आ सकती है।

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