-५,१५२ लोगों ने किया पेमेंट
-८,४७९ लोगों ने ही किया आवेदन
अभिषेक कुमार पाठक / मुंबई
म्हाडा द्वारा हाल ही में शुरू की गई २०३० फ्लैट्स की लॉटरी में लोगों की रुचि उम्मीद से कम देखी जा रही है। लॉटरी जारी होने के बाद से १८ अगस्त शाम ७ बजे तक केवल ८,४७९ लोगों ने ही आवेदन किया, जिसमें से मात्र ५,१५२ लोगों ने ही पेमेंट किया है। यह आंकड़े १८ अगस्त शाम पौने ८ बजे तक के हैं। सूत्रों के अनुसार, म्हाडा के घरों की ऊंची कीमत और तकनीकी दिक्कतें लोगों को आवेदन करने से रोक रही हैं।
किफायती घरों के वादे पर सवाल
म्हाडा को इस लॉटरी से लगभग २,१५० करोड़ रुपए की कमाई होने का अनुमान है। यह सवाल उठता है कि क्या म्हाडा का उद्देश्य किफायती घर प्रदान करना है, या यह सिर्फ एक लाभ कमाने का साधन बन गया है। मुंबई में घरों की आस में बैठे लोगों के लिए म्हाडा लॉटरी एक उम्मीद की किरण है, लेकिन इसकी जटिल प्रक्रिया, आर्थिक बोझ और भेदभावपूर्ण आय सीमाएं इसे एक कठिन चुनौती बनाती हैं।
आ रही है तकनीकी दिक्कत
आवेदनकर्ताओं ने म्हाडा की ऑनलाइन प्रणाली में तकनीकी दिक्कतों की शिकायत की है। कई लोग आवेदन प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पा रहे हैं और जो कर पा रहे हैं, वे पेमेंट करने में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। यह समस्या विशेष रूप से उन लोगों के लिए कठिन साबित हो रही है जो पहली बार आवेदन कर रहे हैं।
कम आवेदन की वजह हैं महंगे घर
म्हाडा की लॉटरी में विभिन्न आय वर्गों के लिए फ्लैट्स की पेशकश की गई है, लेकिन इनकी ऊंची कीमतें आम जनता की पहुंच से बाहर हैं।
-मिड इनकम ग्रुप० ७६८ घर (७६ लाख- २ करोड़) ६०० से ९०० स्क्वायर फीट है।
-हाई इनकम ग्रुप में २७६ घर (१.२५ करोड़ से ७.५ करोड़), ९०० से १,२०० स्क्वायर फीट है।
-लोअर इनकम ग्रुप ६२७ घर (५० लाख से १.५ करोड़), ४५० – ६०० स्क्वायर फीट है।
-आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग ३५० घर (३० से ४० लाख), ३०० से ४०० स्क्वायर फीट है।
इन कीमतों ने लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल बना दिया है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि म्हाडा के घरों की कीमतें आम आदमी की पहुंच से दूर हैं। मुंबईकर, जो सस्ते और किफायती घरों की तलाश में हैं, यह लॉटरी उनके सपनों को साकार करने के बजाय एक आर्थिक बोझ बनकर उभर रही है।