सामना संवाददाता / ठाणे
कई लोगों को ऊंची आवाज में बात करते हुए आप लोगों ने देखा ही होगा। लेकिन यही शोर मचाना उनके लिए भविष्य में खतरनाक साबित हो सकता है। दरअसल, ज्यादा ऊंची आवाज में बात करने से हमारे आवाज पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। डॉक्टरों का कहना है कि चिल्लाने से हमारी आवाज तक जा सकती है इसलिए चिल्लाना मना है।
बता दें कि ठाणे में गले से जुड़े कैंसर के मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। ठाणे मनपा के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में कैंसर मरीजों की संख्या १०० में से सात से आठ प्रतिशत बताई जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर हमें इस तरह के कैंसर से बचना है तो धूम्रपान, तंबाकू के सेवन से बचना बेहद जरूरी है। साथ ही डॉक्टरों ने सलाह दी है कि इस बीमारी से बचाव के कई उपाय हैं, वहीं गले का विशेष ध्यान देने की बात कही। ठाणे, कलवा छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल के कान-नाक-त्वचा रोग डॉक्टर अमोल खले ने बताया कि यदि इस प्रकार के कैंसर से बचना है तो शोर न मचाने, तंबाकू के पदार्थों का सेवन और धूम्रपान न करने की हिदायत दी है।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
स्वरयंत्र की आवाज में सबसे महत्वपूर्ण लक्षण शुरुआत में आवाज बैठना है। लक्षणों में आवाज में भारीपन, उसके बाद सांस लेने में कठिनाई और निगलने में कठिनाई शामिल है। इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से मार्गदर्शन लेना जरूरी है।
धूम्रपान और तंबाकू है घातक!
कई लोग कुछ अधिक ही धूम्रपान करते हैं या तंबाकू का सेवन करते हैं, उनमें इस बीमारी से पीड़ित होने की संभावना अधिक होती है। साथ ही मौजूदा समय में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए इस प्रदूषण से खतरा बढ़ सकता है।
स्वरयंत्र पर अधिक तनाव न डालें
पिछले कुछ वर्षों में चिड़चिड़ापन बढ़ गया है। इससे कार्यस्थल, कक्षा स्थल यहां तक कि घर पर भी ऊंची आवाज में बात करने के मामले बढ़ गए हैं। यदि आप अपनी क्षमता से अधिक ऊंची आवाज में बात करते हैं, तो यह स्वरयंत्र को प्रभावित कर सकता है और यहां तक कि आप अपनी आवाज हमेशा के लिए खो सकते हैं।